प्रख्यात अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन का मानना है कि अन्ना हजारे और उनकी टीम भ्रष्टाचार के कारणों को नहीं समझती और इससे निपटने का उनका तरीका गलत है.
भ्रष्टाचार मिटाने के लिये अनिश्चितकालीन अनशन के तरीके को खारिज करते हुए सेन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार या उसके कारण को नहीं समझा है. उसे हटाने के जो तरीके अपनाये हैं, वे गलत हैं.’ उन्होंने कहा, ‘प्रणाली में बदलाव की जरूरत है लेकिन मंत्री को बदलने या धरना देने..का सवाल नहीं है. यह प्रणाली में बदलाव का सवाल है और भ्रष्टाचार को लेकर व्यवस्था जो प्रोत्साहन देती है, उस पर गौर करने की जरूरत है.’
एक निजी चैनल को दिये साक्षात्कार में सेन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उत्कृष्ठ अर्थशास्त्री बताया. हालांकि उन्होंने कहा कि यह सवाल हो सकता है कि वे महान राजनीतिक शख्स हैं या नहीं.
आर्थिक वृद्धि के मामले में उन्होंने कहा कि जो वृद्धि से लाभ हुआ है, उसका उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा तथा बुनियादी ढांचा में करने की जरूरत है. सेन ने कहा, ‘केवल तीव्र आर्थिक वृद्धि की ओर भागना मूखर्ता है.’