मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने राज्य विधानसभा के वर्ष 2013 में होने वाले चुनाव में छह माह पहले कांग्रेसी उम्मीदवारों की घोषणा करने की वकालत की है.
सिंह ने कहा कि कांग्रेस को उत्तर प्रदेश के समान मध्यप्रदेश में भी छह माह पहले उम्मीदवारों की घोषणा कर देनी चाहिये. उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस को चुनाव प्रचार करने में आसानी होगी.
सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में नवम्बर में विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं तथा इसे देखते हुए कांग्रेस को अगले साल अप्रैल मई तक अधिकांश सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देनी चाहिये.
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि यदि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर होती तो वह लोकायुक्त द्वारा मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ जांच पूरी हो जाने के बाद मांगी गयी अभियोजन की स्वीकृति दे देती. उन्होंने कहा कि 2008 के पूर्व के अनेक मामले अभी भी लंबित हैं और राज्य सरकार उनमें अभियोजन की स्वीकृत नहीं दे रही है.
म.प्र विशेष न्यायालय विधेयक की अनुमति नहीं दिये जाने से पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिल्ली में राजघाट पर मौन धरना देने के ऐलान के बारे में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि एक और कानून बनने से राज्य में भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे बहुत से कानून हैं जिनसे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है लेकिन राज्य सरकार में भ्रष्टाचार को कम करने के प्रति इच्छा शक्ति का अभाव है.
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा विधेयक को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिये भेज दिये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने अपना मौन धरना रद्द कर दिया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनेक मामलों को लेकर केन्द्र पर म.प्र के साथ भेदभाव किये जाने के आरोप लगाए हैं. इन आरोपों को गलत बताते हुए सिंह ने कहा कि अपनी गलतियों को छुपाने के लिये इस प्रकार के आरोप लगाये जा रहे हैं जबकि भाजपा केन्द्र द्वारा दी जा रही सहायता के लिये धन्यवाद भी नहीं देती है.
उन्होंने कहा कि यदि खाद की कमी है तो राज्य सरकार ने समय पर उसकी मांग नहीं की. उन्होंने खाद की कमी के लिये राज्य सरकार की वितरण व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सोसायटियों में खाद उपलब्ध नहीं है, लेकिन कालाबाजार में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है.
सिंह ने कहा कि इसी प्रकार राज्य सरकार कोयले की कमी का रोना रोती रहती है जबकि जितना कोयला म.प्र को आवंटित किया गया था उसका वह उपयोग ही नहीं कर पायी. उन्होंने कहा कि जितना कोयला आवंटित किया गया उतनी बिजली का उत्पादन ही नहीं हुआ. एक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि योजनाएं कितनी भी अच्छी हों लेकिन यदि उनका क्रियान्वयन ही ठीक नहीं हो, तो कुछ नहीं हो सकता है.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि भाजपा बार-बार सुशासन का दावा करती है लेकिन यदि सुशासन है तो प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति क्यों बिगड़ रही है और अपराध का ग्राफ क्यों बढ़ता जा रहा है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए सिंह ने बताया कि उन्हें मिर्जापुर और सोनभद्र जिले का प्रभार दिया गया है और वे आगामी पांच फरवरी से 15 फरवरी तक वहीं रहेंगे. इस बीच वे एक दिन के लिये अवश्य कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाग लेने के लिये भोपाल आयेंगे.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में उन नेताओं को वहां जाने के निर्देश दिये हैं जो उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्रों में कार्यरत हैं. इन नेताओं में उनके अलावा बिसाहूलाल सिंह, यादवेन्द्र सिंह, इन्दजीत कुमार, सुंदरलाल तिवारी आदि प्रमुख हैं.