भ्रष्टाचार के मामले में जेल भेजे गए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. बेंगलुरू की एक अदालत ने बुधवार को येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के छठे मामले की जांच के लिए पुलिस को एक महीने का समय दिया.
लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश एन.के. सुधींद्र राव ने पुलिस को भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच पूरी कर 26 नवम्बर को एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. इस मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय येदियुरप्पा को पहले ही अग्रिम जमानत दे चुका है.
ज्ञात हो कि अवैध भूमि आवंटन और भ्रष्टाचार के दो मामलों में येदियुरप्पा जेल में हैं. येदियुरप्पा के खिलाफ बेंगलुरू के दो वकीलों ने भ्रष्टाचार के पांच मामले दायर किए हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का छठा मामला 13 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने से जुड़ा है. येदियुरप्पा पर आरोप है कि उन्होंने ऊपरी भद्रा सिंचाई परियोजना में ठेका देना के लिए एक निजी कम्पनी से रिश्वत ली.
पुलिस ने अपनी जांच पूरी करने के लिए न्यायालय से तीन महीने का समय मांगा लेकिन न्यायाधीश राव ने पुलिस को इतना समय देने से इंकार कर दिया.
न्यायालय ने जांच का आदेश जनता दल (सेक्युलर) के विधायक वाई.एस.वी. दत्ता की शिकायत पर दिया है. दत्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि ठेका सबसे अधिक बोली लगाने वाले को दिया गया जबकि नियम के अनुसार ठेका उस व्यक्ति को दिया जाना चाहिए जो सबसे कम बोली लगाए.