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मिस्र में ‘मुबारक हटाओ’ अभियान हुआ तेज

मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को सत्ता से हटाने के लिए पिछले तीन हफ्तों से चल रहा अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन, देश के उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान की तरफ से दी गई एक चेतावनी के बाद और उग्र हो गया है.

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मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को सत्ता से हटाने के लिए पिछले तीन हफ्तों से चल रहा अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन, देश के उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान की तरफ से दी गई एक चेतावनी के बाद और उग्र हो गया है.

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सरकार और विरोध प्रदर्शनकारियों के बीच सेतु का काम कर रहे सुलेमान ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी थी कि वे या तो ‘वार्ता’ के लिए आगे आएं या फिर ‘तख्तापलट’ के लिए तैयार रहें.

सुलेमान की इस चेतावनी के बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने अपने ‘मुबारक हटाओ’ अभियान को और तेज कर दिया है और सत्ता हस्तानांतरण की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने की सरकार की योजनाओं को खारिज करते हुए विरोध प्रदर्शन का केंद्र बन चुके तहरीर चौक पर अपना प्रदर्शन जारी रखा. इस क्रम में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने देश की संसद पर धावा बोलते हुए संसद के प्रवेश द्वार को बंद करने और परिसर में घुसने की कोशिश की. {mospagebreak}

हालांकि सुरक्षा बलों के घेरे को भेद पाने में नाकाम रहने के बाद वे प्रवेश द्वार के सामने ही बैठ गए और घोषणा की कि वे सत्तारूढ़ नेशनल डेमोकेट्रिक पार्टी (एनडीपी) के सांसदों को अंदर नहीं जाने देंगे. प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘जबतक मुबारक को सत्ता से हटाने की हमारी मांग पूरी नहीं होती तबतक हम यहीं रहेंगे और अपनी जान दे देगें.’

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दूसरी तरफ विपक्षी नेताओं अयमन नूर और मोहम्मद अलबरदेई ने भी सुलेमान की तरफ से दी गई चेतावनी की घोर निंदा की है. सुलेमान के इस बयान पर देशभर में रोष का माहौल है और कई लोगों का मानना है कि सुलेमान देश में सैन्य शासन की स्थापना कर सकते हैं.

हालांकि सरकार समर्थित कई लोगों का यह भी कहना है कि इस बयान का संकेत संभवत राज्य की संस्थाओं और इस्लामिक समूहों की ओर भी हो सकता है. इसी बीच प्रदर्शनकारियों के बीच उस समय एक नई ऊर्जा का संचार हो गया जब गिरफ्तार किए गए गूगल के व्यवसायिक प्रबंधक और विरोध प्रदर्शनों के अगुवा रहे वाल गोनिम विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो गए. गोनिम ने प्रदर्शनकारियों से कहा, ‘मुबारक को सत्ता से हटाने की अपनी मांग को हम नहीं छोड़ेगें.’

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