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चीन से लगी सीमा पर अप्रिय हालात: एंटनी

रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने बुधवार को स्वीकार किया कि यदि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर दोनों देशों की धारणा एक रही होती, तो चीन के साथ सीमा विवाद के कारण जो जीमीनी हालात पैदा हुए हैं, उससे बचा जा सकता था.

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ए.के. एंटनी
ए.के. एंटनी

रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने बुधवार को स्वीकार किया कि यदि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर दोनों देशों की धारणा एक रही होती, तो चीन के साथ सीमा विवाद के कारण जो जीमीनी हालात पैदा हुए हैं, उससे बचा जा सकता था.

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एंटनी ने राज्यसभा में सीमा विवाद और उसके परिणामस्वरूप चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण करने पर पूछे गए सवालों के एक लिखित जवाब में कहा कि सरकार ने एलएसी पर इस तरह के उल्लंघनों को लेकर चीनी अधिकारियों के साथ उचित मंचों पर बार-बार बात की है.

एंटनी ने कहा, 'समय-समय पर एलएसी को लेकर धारणा में मतभेद के कारण ऐसे जमीनी हालात पैदा हुए हैं. यदि एलएसी को लेकर दोनों देशों की धारणाएं एक रही होतीं, तो इन हालातों से बचा जा सकता था.'

एंटनी ने कहा कि केंद्र सरकार को जम्मू एवं कश्मीर सरकार से चीनी सैनिकों द्वारा किए गए इस तरह के अतिक्रमणों के बारे में रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं. एंटनी ने कहा, 'सरकार एलएसी के किसी भी उल्लंघन पर चीनी पक्ष से नियमित तौर पर स्थापित प्रक्रियाओं के जरिए बात करती है. इन प्रक्रियाओं में हॉट लाइन, सीमा कर्मियों की बैठकें, फ्लैग मीटिंग्स और राजनयिक माध्यम शामिल हैं.'

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एंटनी ने हालांकि कहा कि 1993 से लेकर अबतक दोनों सरकारों ने चीन-भारत इलाकों में एलएसी पर शांति एवं सद्भाव बनाए रखा है. उन्होंने कहा, 'सरकार देश की सुरक्षा के लिए नुकसानदायक सभी घटनाक्रमों पर बराबर नजर रखती है और इसकी सुरक्षा के सभी आवश्यक उपाय करती है.'

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