चिकित्सकीय कौशल के जरिए देश और दुनिया के चिकित्सकों द्वारा शरीर से अलग-अलग हुई जुड़वा बहनों में से एक आराधना ने गुरुवार की रात को अंतिम सांस ली.
दूसरी ओर, स्तुति पूरी तरह स्वस्थ्य है. गौरतलब है कि बैतूल के पाढर अस्पताल में देश और दुनिया के 20 से ज्यादा चिकित्सकों ने 20 जून को शरीर से जुड़ी स्तुति-आराधना का ऑपरेशन कर उन्हें अलग-अलग किया था. स्तुति के स्वास्थ्य में जहां तेजी से सुधार हुआ, वहीं आराधना की हालत में ज्यादा सुधार नहीं हुआ. आराधना को ज्यादातर समय वैंटिलेटर पर ही रखा गया.
दोनों बहनों का दो जुलाई को जन्मदिन भी मनाया गया, मगर तब भी आराधना वैंटिलेटर पर ही थी. उसके बाद लगातार उसकी तबीयत में गिरावट आने लगी. गुरुवार की दोपहर को आराधना की हालत ज्यादा बिगड़ी और रात को उसने अंतिम सांस ली.
अस्पताल के डॉ. राजीव चौधरी ने आराधना की मौत की पुष्टि करते हुए बताया है कि चिकित्सकों की कोशिश रही है कि दोनों की सेहत दुरुस्त रहे, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी आराधना को नहीं बचाया जा सका. आराधना के खून में संक्रमण हो गया था और उसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी.