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जम्मू-श्रीनगर हाइवे से हटाई जा रही है सेना

कश्मीर में करीब 20 साल से जारी आतंकवादी गतिविधियों के बीच ऐसा पहली बार हो  रहा है कि जम्मू-श्रीनगर हाइवे से सेना हटाई जा रही है. इस हाइवे की जिम्मेदारी अब सीआरपीएफ को सौंपी जा रही है. ऐसा आबादी के बीच सेना की मौजूदगी कम करने के मकसद से किया जा रहा है.

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कश्मीर में करीब 20 साल से जारी आतंकवादी गतिविधियों के बीच ऐसा पहली बार हो रहा है कि जम्मू-श्रीनगर हाइवे से सेना हटाई जा रही है. इस हाइवे की जिम्मेदारी अब सीआरपीएफ को सौंपी जा रही है. ऐसा आबादी के बीच सेना की मौजूदगी कम करने के मकसद से किया जा रहा है.

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जम्मू से श्रीनगर को जोड़ने वाले 300 किलोमीटर लंबे हाइवे पर अब सेना की तैनाती नहीं होगी. पिछले महीने दिए गए रक्षामंत्री के निर्देश के बाद इस महीने के अंत तक ये काम पूरा कर लिया जाएगा. सभी फौजी अपने बैरकों में लौट जाएंगे. अब हाइवे के सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को दी जा रही है.

कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा और कुछ दूसरी जगहों को छोड़ बाकी जगह सीआरपीएफ ही तैनात है. जम्मू-श्रीनगर हाइवे इस लिहाज से बेहद संवेदनशील है कि इसपर सबसे ज्यादा आतंकवादी हमले होते हैं. कई बार आतंकवादियों की बिछाई बारूदी सुरंगों की चपेट में जवान और आम नागरिक भी आ जाते हैं.

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