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मिस्र: सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को सेना ने दी हटने की चेतावनी

मिस्र में राष्‍ट्रपति हुस्‍नी मुबारक के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच वहां की सेना ने प्रदर्शनकारियों से सड़क से हट जाने की अपील की है. इससे पहले सेना प्रदर्शनकारियों के समर्थन करती लग रही थी.

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Egypt crisis
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संकट से घिरे मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को तुरंत पद से हटाने की मांग कर रहे हजारों लोगों ने काहिरा और अन्य अहम शहरों में बुधवार को भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा और सितंबर में पद से हटने की राष्ट्राध्यक्ष की पेशकश को नामंजूर कर दिया.

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प्रदर्शनकारी ‘घर लौटने’ के सेना के आदेशों की भी नाफरमानी कर रहे हैं. हजारों प्रदर्शनकारी बुधवार को तहरीर स्क्वेयर में जमा हुए. उन्होंने ‘मुबारक को अभी जाना होगा’ जैसे नारे लगाये. वहीं, सेना ने मुबारक के 30 वर्ष के शासन का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को पिछले नौ दिन में पहली बार आदेश जारी करते हुए उन्हें धरने रोकने को कहा.

सेना के रुख में जाहिरा तौर पर आये बदलाव के तहत सैन्य प्रवक्ता इस्माईल एतमान ने टेलीविजन पर दिये संदेश में प्रदर्शनकारियों से कहा, ‘आपका संदेश पहुंच चुका है. आपकी मांगें जाहिर हो चुकी हैं.’ ‘घर लौटने’ के सेना के आदेशों की नाफरमानी करते हुए विपक्षी दलों ने कहा कि वे जुमे की नमाज के बाद व्यापक रैली निकालेंगे. {mospagebreak}

विपक्षी दलों ने कहा कि उनके नेताओं ने मुबारक से शुक्रवार तक पद छोड़ देने को कहा है. मिस्र में बेहद लोकप्रिय सेना अब तक इन व्यापक प्रदर्शनों में दखल देने से बच रही थी. यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या सेना की यह नयी चेतावनी किसी तरह की कड़ी कार्रवाई होने के संकेत दे रही है. सेना की यह चेतावनी ऐसे समय आयी है जब दबाव से जूझ रहे मुबारक ने सितंबर में होने वाला राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ने का वादा किया है.

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लेकिन मुबारक ने कहा है कि उनका मिस्र से पलायन करने का कोई इरादा नहीं है. टेलीविजन के जरिये दिये संदेश में 82 वर्षीय मुबारक ने कहा कि वह सितंबर में होने वाला चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन तुरंत पद से इस्तीफा भी नहीं देंगे. मुबारक का यह प्रस्ताव जनता का गुस्सा शांत करने में नाकाम रहा. इस प्रस्ताव के बाद मुबारक के समर्थकों और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच अहम शहरों में संघर्ष हुआ. {mospagebreak}

मुबारक ने कहा, ‘मौजूदा हालात की परवाह किये बिना मैं पूरी ईमानदारी से कहता हूं कि मेरा खुद को राष्ट्रपति पद के नये कार्यकाल के लिए नामित करने का कोई इरादा नहीं है.’ उनके इस संबोधन को तहरीर स्क्वेयर पर लगे बड़े टीवी पर्दे पर प्रसारित किया गया. अपने 10 मिनट के संबोधन में मुबारक ने कहा कि वह देश से पलायन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं मिस्र की धरती पर ही प्राण छोड़ूंगा.’

मुबारक ने कहा कि वह अपने शेष कार्यकाल में सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के लिये कदम उठायेंगे और राष्ट्रपति पद के चुनाव के नियमों में संशोधन करेंगे. इसके तुरंत बाद प्रशासन ने घोषणा की कि देश की संसद को वर्ष 2010 के अंत में हुए चुनाव के नतीजों की समीक्षा किये जाने तक निलंबित रखा जायेगा. मुबारक ने चुनावी नतीजों की समीक्षा करने का वादा किया है. मिस्र के संसदीय चुनावों में हिंसा हुई थी और व्यापक पैमाने पर धांधली होने के आरोप लगे थे. {mospagebreak}

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आधिकारिक समाचार समिति ‘एमईएनए’ के जरिये संसद के दोनों सदनों को निलंबित रखने की घोषणा की गयी. मुबारक के संबोधन के कुछ ही घंटों बाद उनके समर्थक स्टेट टीवी की इमारत के समक्ष इकट्ठा हुए और उन्होंने राष्ट्रपति से पद नहीं छोड़ने का अनुरोध किया. समर्थकों ने कहा कि अगर मुबारक पद छोड़ देते हैं तो इससे मिस्र में अराजक स्थिति पैदा हो जायेगी. राष्ट्रपति के रुख में नरमी और सेना की यह चेतावनी ऐसे समय आयी है जब मुबारक पर तुरंत पद छोड़ने का अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया है.

मुबारक के करीबी सहयोगी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बेबाकी से कहा है कि जनता जिस राजनीतिक बदलाव की मांग कर रही है, वह तुरंत शुरू होना चाहिये. फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी ने भी ओबामा की बात का समर्थन किया है. ओबामा ने अपील की है कि मिस्र में सत्ता हस्तांतरण सुव्यवस्थित तरीके से और तुरंत शुरू होना चाहिये. उन्होंने कहा, ‘मैंने राष्ट्रपति मुबारक से कहा कि सुव्यवस्थित सत्ता हस्तांतरण सार्थक और शांतिपूर्ण होना चाहिये और इसकी तुरंत शुरुआत होनी चाहिये.’ {mospagebreak}

विरोध प्रदर्शनकारियों के नेताओं ने सितंबर में पद छोड़ने की मुबारक की पेशकश को तुरंत खारिज कर दिया और उन्हें शुक्रवार तक हटने का अल्टीमेटम दिया. नोबेल पुरस्कार सम्मानित विपक्षी नेता मोहम्मद अलबरदेई ने कहा कि मुबारक का संबोधन छलावा है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों का प्रण है कि वे तब तक सड़कों से नहीं हटेंगे जब तक मुबारक पद नहीं छोड़ देते. विपक्षी ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ के अग्रणी सदस्य साद अल कतातनी ने कहा, ‘लोगों ने अपनी बात कह दी है.

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उन्होंने मुबारक को नामंजूर कर दिया है. उन्हें तुरंत पद से हटना चाहिये.’ मुबारक के मामले में यह नाटकीय घटनाक्रम काहिरा और अलेक्सांद्रिया जैसे अहम शहरों में जनता के अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन के बाद हुआ है. बताया जाता है कि करीब 10 लाख लोग तहरीर स्क्वेयर के आसपास इकट्ठा हो रहे हैं. {mospagebreak}अपने संबोधन की शुरुआत में मुबारक ने कहा कि युवा लोगों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है. बहरहाल, मुबारक ने तुरंत अपने विरोधियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘सरकार का महत्व कम करने’ की कोशिश कर रहे लोग प्रदर्शनकारियों का ‘फायदा उठा रहे हैं.’

अल-जजीरा ने खबर दी कि राष्ट्रपति के संबोधन के तुरंत बाद मुबारक के समर्थकों और विरोधियों के बीच अलेक्जांड्रिया में झड़प हुई. शहर के महातित मसर चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोलीबारी की गयी. हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है. बीते नौ दिन के दौरान मुबारक ने दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित किया है. पिछले शनिवार उन्होंने अपनी कैबिनेट को बर्खास्‍त कर दिया था, पहली बार एक उपराष्ट्रपति को नामित किया था और आर्थिक तथा राजनीतिक सुधार लाने का वादा किया था.

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