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ऐसा ताजमहल, जिसे कहीं भी ले जाया जा सकता है

सुबह नींद से उठें और सामने वाले मैदान में ताज महल खड़ा दिखाई दे तो चौंकिएगा नहीं. दरअसल ढोलका ब्लॉक के कुछ कलाकारों ने गुजरात में एक ऐसा ताजमहल बना दिया है, जिसे समेटकर कहीं भी ले जाया जा सकता है.

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सुबह नींद से उठें और सामने वाले मैदान में ताज महल खड़ा दिखाई दे तो चौंकिएगा नहीं. दरअसल ढोलका ब्लॉक के कुछ कलाकारों ने गुजरात में एक ऐसा ताजमहल बना दिया है, जिसे समेटकर कहीं भी ले जाया जा सकता है.

लगभग 51 फीट उंचा यह ताजमहल 5,000 वर्गफीट इलाके में फैला है. इसे ढोलका रेलवे स्टेशन के पीछे खड़ा किया गया है. इसमें लगभग 20 टन लोहा और 34,000 वर्ग फीट लकड़ी और प्लायवुड लगाया गया है.

ताजमहल बनाने वाले 54 कलाकारों के समूह के प्रमुख इश्तियाक अली ने बताया कि साल 2004 में हमने थर्मोकॉल का ताजमहल बनाया, जिसे लोगों की काफी प्रशंसा मिली. प्रदेश के राज्यपाल भी इस कलाकृति को देखने आए.

उन्होंने बताया कि थर्मोकॉल की इस कृति के बाद, लोगों की ओर से हमें बहुत सी ऐसी प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिनमें लोगों ने हमसे कहा कि हम ऐसा ताजमहल बनाएं, जिसे वे छू सकें और जो उन्हें वास्तविक ताजमहल का अहसास दिलाए, इसलिए हमने ऐसा ढ़ांचा बनाने का फैसला किया, जिसके अंदर लोग घूम सकें और उसकी दीवारों को छू सकें.

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अली ने बताया कि उन्होंने दो साल पहले लोहे, लकड़ी और पॉली विनाइल क्लोराइड से ताजमहल बनाना शुरू किया. उन्होंने बताया कि हमने लोहा और लकड़ी का इसलिए उपयोग किया, क्योंकि हम ऐसा ढांचा बनाना चाहते थे, जिसे कहीं भी ले जाया जा सके.

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