अरविंद केजरीवाल ने अपनी नई पार्टी के गठन की घोषणा तो की लेकिन कहा कि इसके नाम की घोषणा 26 नवंबर को की जाएगी.
केजरीवाल ने अपनी पार्टी के गठन की घोषणा करते हुए इसका दृष्टिपत्र जारी किया जिसमें विभिन्न मुद्दों पर उनकी पार्टी के रुख को साफ किया गया है.
केजरीवाल ने हालांकि अपने पार्टी के नाम की घोषणा नहीं की और कहा कि नाम का पंजीकरण और अन्य कानूनी प्रक्रिया के पूरा नहीं हो पाने के कारण नाम की घोषणा अगले महीने की 26 तारीख तक टाल दी गई है.
केजरीवाल ने अपनी पार्टी के एजेंडा को साफ करते हुए कहा कि बिजली और पानी के बढ़े दामों को वापस लेने के लिए शीला दीक्षित सरकार के खिलाफ उनकी पार्टी आंदोलन छेड़ेगी.
उन्होंने कहा कि अगर बढ़े हुए दाम वापस नहीं लिए गए तो बिजली, पानी के बिल नहीं चुकाए जाएंगे और बिलों को जलाया जाएगा.
केजरीवाल ने दीक्षित पर आरोप लगाया कि वह जनता की नहीं बल्कि कंपनियों की मुख्यमंत्री हैं जो उनके हित के लिए काम करती हैं .
उन्होंने कहा कि सात अक्तूबर को 62 विधानसभा क्षेत्रों के 114 वार्डों में बिजली के बिल जलाए जाएंगे.
उन्होंने दीक्षित सरकार को तीन नवंबर का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर कीमतें वापस नहीं ली गईं तो चार नवंबर को मुख्यमंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा.
केजरीवाल ने कहा कि वह इस मुद्दे पर जेल तक जाने को तैयार हैं.
केजरीवाल ने कहा कि अगर अगले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सत्ता में आई तो सीधे जनता का शासन स्थापित किया जाएगा और उनके हिसाब से कानून बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि ऐसी अफवाहें उड़ाई जा रहीं हैं कि दीक्षित सरकार का विरोध करने के लिए कांग्रेस के कुछ तत्वों से उन्हें 20 करोड़ रुपये दिए हैं ताकि भाजपा के वोट कट सकें. उन्होंने इसे सरासर खारिज किया.
केजरीवाल ने कहा कि यह उनकी नहीं बल्कि जनता की पार्टी है जहां सबकुछ जनता तय करेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के उम्मीदवारों का चयन जनता करेगी और कानून के निर्माण का काम भी जनता की राय से तय होगा.
उन्होंने कहा, ‘जब संसद में आधे से ज्यादा सांसद अनपढ हो सकते हैं, जब राबड़ी देवी कानून बना सकती हैं तो फिर जनता क्यों नहीं.’
उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक पर जब भारत सरकार ने जनता से राय मांगी तो केवल 13000 राय आई जबकि उनकी पार्टी के गठन पर बिना किसी विज्ञापन दिए 20,000 से ज्यादा लोगों के सुझाव आए.
पार्टी के खर्च के लिए पैसों को लेकर उठे सवालों पर उन्होंने कहा कि जब घर घर से महिला, बच्चे, बूढ़े और जवान पार्टी में शामिल होंगे तो पैसों की कमी का सवाल ही कहां उठता है. साथ ही उन्होंने कहा कि चंदे के एक एक पैसे का हिसाब वेबसाइट पर डाला जाएगा.
केजरीवाल ने कहा कि उनका इरादा केवल सत्ता का चेहरा बदलना नहीं बल्कि पूरी व्यवस्था में बदलाव लाना है. उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने पार्टी बनाने में जल्दी कर दी लेकिन जब देश बिक रहा हो तो इंतजार नहीं कर सकते.
केजरीवाल ने कहा कि उनके पास पार्टी के गठन के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था क्योंकि सरकार अनशन की आवाज सुन नहीं रही थी.
उन्होंने कहा कि लोग पार्टी की सफलता पर संदेह उठा रहे हैं लेकिन जीत, हार का सवाल बाद में हैं और पहले लड़ना है. केजरीवाल ने कहा कि अगर हार गए तो लड़ाई को अगली पीढ़ी आगे ले जाएगी.
उन्होंने कहा कि यह मानसिकता बदलनी है कि सत्ता के लिये लड़ने वाला सत्ता का लालची है जैसा कि आरोप उनपर लगाया जा रहा है.
केजरीवाल ने पार्टी का दृष्टिपत्र जारी किया. इस मौके पर मंच पर प्रशांत भूषण, शांति भूषण, मनीष सिसौदिया, संजय सिंह, कुमार विश्वास, योगेंद्र यादव, आनंद कुमार, गोपाल राय, अंजलि दमानिया सहित अन्य लोग मौजूद थे.
पांच पन्नों के दस्तावेज को ‘स्वराज का संकल्प’ नाम दिया गया है . केजरीवाल ने अपनी टोपी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘हमारी राजनीति का चिन्ह टोपी है जिसपर ‘मैं हूं आम आदमी’ लिखा है.
उन्होंने कहा, ‘अब जिंदगी भर टोपी पहनूंगा और लोगों को भी टोपी पहनाउंगा.’