अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के साथ ही अमेरिका ने भी अब सीरिया में गृह युद्ध की आशंका जतायी है और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि राष्ट्रपति बशर अल असद की लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई देश में गृह युद्ध की चिंगारी भड़का सकती है.
रूस और तुर्की के सुर में सुर मिलाते हुए हिलेरी ने कल चेतावनी दी कि सीरियाई सेना के बागियों द्वारा समर्थित ‘पूरी तरह प्रतिबद्ध, हथियारों से लैस और वित्तीय संसाधनों से परिपूर्ण’’ विपक्ष असद की सत्ता से टकरा सकता है.
विश्लेषकों ने सीरिया में भड़कने वाले गृह युद्ध की विभीषिका के पड़ोसी देशों लेबनान, इराक, जोर्डन और इस्राइल में भी फैलने की आशंका जतायी है. साक्षात्कार में हिलेरी ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका असद के खिलाफ एक शांतिपूर्ण विरोध आंदोलन का समर्थक है. उन्होंने साथ ही इस बात की भी चिंता जतायी है कि विपक्ष की हिंसा असद को अपनी दमनकारी गतिविधियों को सही ठहराने का मौका दे सकती है.
मास्को में रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने गुरूवार को चेतावनी दी थी कि बुधवार को सेना के बागियों द्वारा एक सीरियाई खुफिया सैन्य अड्डे पर हमले जैसी भावी कार्रवाई सीरिया को गृह युद्ध में धकेल सकती है.
इस बीच, लंदन से मिली खबरों के अनुसार, ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग सोमवार को यहां सीरियाई बागी नेताओं से मुलाकात करेंगे. विदेश विभाग की प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. मुख्य विपक्षी नेता प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे.
प्रवक्ता ने बताया कि हेग सीरियाई नेशनल कौंसिल और नेशनल को आर्डिनेशन कमेटी फोर डेमोकेट्रिक चेंज के नेताओं से बातचीत करेंगे . उन्होने कहा,‘हमारा सीरिया में विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क बना हुआ है और अब हम इस संपर्क को गहन करने जा रहे हैं.’ इस बीच, गार्डियन समाचार पत्र ने कहा है कि ब्रिटेन की लीबिया की ट्रांजिशनल नेशनल कौंसिल की तर्ज पर सीरियाई बागी नेताओं को मान्यता देने की कोई योजना नहीं है.
दैनिक ने लिखा है, ब्रिटेन दमिश्क को कड़ा संदेश देने के अन्य उपायों पर भी विचार विमर्श कर रहा है जिनमें यह संदेश देना भी शामिल है कि यदि पिछले सप्ताह की तरह विदेशी दूतावासों पर हमला किया गया तो ब्रिटेन सामान्य राजनयिक व्यवहार जारी नहीं रखेगा.