कारोबार में अनियमितता के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष नितिन गडकरी को बुधवार को जहां वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज का समर्थन मिला, वहीं कांग्रेस ने गडकरी और बीजेपी से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा.
RSS ने कहा बीजेपी का अंदरूनी मामला
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने को इस मामले से अलग कर लिया और सरसंघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि गडकरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप पार्टी का मामला है. कांग्रेस ने गडकरी से इन आरोपों पर जवाब देने की मांग की और दावा किया कि ये आरोप बीजेपी की अंदरूनी कलह के परिणाम हैं.
आडवाणी ने एक बयान में गडकरी द्वारा कम्पनी मामलों के विभाग से जांच कराने की पेशकश किए जाने को एक निष्पक्ष एवं उचित प्रतिक्रिया करार दिया और यह भी कहा कि बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ आरोप व्यापारिक मानकों को लेकर हैं, न कि सत्ता के दुरुपयोग या भ्रष्टाचार के बारे में.
आडवाणी की यह प्रतिक्रिया तब आई है, जब एक दिन पहले मीडिया रिपोर्टों में गडकरी के व्यापारिक सौदों में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं.
आडवाणी आए बचाव में
आडवाणी ने कहा कि सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) अपनी अक्षम्य बुराइयों को छिपाने और उसे हल्का करने के लिए पूरे राजनीतिक वर्ग को एक रंग में रंगने की रणनीति पर काम करने की कोशिश कर रहा है.
आडवाणी ने कहा कि बीजेपी को अलग तरह का रुख अपनाना चाहिए और आरोपों की गम्भीरता या प्रकृति पर छूट के दावे नहीं करने चाहिए. आडवाणी ने कहा कि खुद मीडिया रपटों के अनुसार, भूमि सौदे में गड़बड़ी के बारे में गडकरी के खिलाफ आरोप झूठे साबित हो चुके हैं.
पार्टी नेता सुषमा स्वराज ने भी गडकरी का खुलकर बचाव किया है. उन्होंने गडकरी के खिलाफ लगे आरोपों को बिना जांच के स्वीकार करना 'अनुचित' व 'गलत' बताया.
सुषमा ने यह भी कहा कि भाजपा के सदस्यों को गडकरी पर पूरा भरोसा है और वे उनके साथ हैं. गडकरी के खिलाफ अपने व्यवसाय में कथित गड़बड़ियों की मीडिया रपट के बाद सुषमा ने ट्विटर पर लिखा, 'आरोपों के इस मौसम में कुछ आरोप हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष पर भी लगे हैं. गडकरी ने स्पष्ट किया है कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. उन्होंने स्वयं जांच की पेशकश की है.'
उन्होंने लिखा, 'गडकरी के खिलाफ लगे आरोपों को बिना जांच के स्वीकार करना अनुचित व गलत होगा. बीजेपी के लोग गडकरी पर भरोसा करते हैं और उनके साथ खड़े हैं.'
ज्ञात हो कि मोइली ने मंगलवार को कहा था कि सरकार गडकरी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कराएगी.
कांग्रेस ने ली चुटकी
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि बीजेपी को चाहिए कि यूपीए पर उंगली उठाने के बदले अपने मामले को सुलझाए. बीजेपी पर हमला बोलते हुए अल्वी ने कहा कि किसी पार्टी का अध्यक्ष उस पार्टी की विचारधारा को प्रस्तुत करता है.
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का जिक्र करते हुए अल्वी ने कहा, 'यह गम्भीर मामला है. बीजेपी को इस पर जवाब देना चाहिए क्योंकि एक अन्य अध्यक्ष भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी ठहराया गया.'
कांग्रेस संदीप दीक्षित ने कहा कि केवल जांच ही पर्याप्त नहीं होगी. एक अन्य कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, 'ये आरोप भाजपा की अंदरुनी कलह को जाहिर करते हैं.'
ज्ञात हो कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने सबसे पहले पिछले बुधवार को गडकरी के खिलाफ महाराष्ट्र के विदर्भ में भूमि सौदों से जुड़े आरोप लगाए थे. गडकरी के खिलाफ ताजा आरोप पूर्ति समूह के चेयरमैन के रूप में अनुचित व्यापारिक सौदों के बारे में हैं.
आडवाणी ने यह भी आशा व्यक्त की है कि कम्पनी मामलों के मंत्री एम. वीरप्पा मोइली द्वारा मंगलवार को घोषित सरकारी जांच निष्पक्ष होगी और उसे भाजपा के खिलाफ राजनीतिक रंग नहीं दिया जाएगा. बीजेपी पहले ही कह चुकी है कि सरकार किसी सक्षम एजेंसी से इन आरोपों की जांच करा ले.
इस पर दीक्षित ने कहा, 'यह अच्छा है कि पहली बार विपक्ष कह रहा है कि सरकारी जांच एजेंसी मामले की जांच के लिए सक्षम हैं.' हालांकि दीक्षित ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा एवं डीएलएफ भूमि सौदे की जांच से इंकार कर दिया.'