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एशियाड: अश्विनी, जोसेफ ने ट्रैक पर मचायी धूम, भारत का ‘स्वर्णिम दिन’

अश्विनी चिदानंदा और जोसेफ अब्राहम ने गुरुवार को 400 मीटर की बाधा दौड़ में जबकि विकास कृष्ण ने मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक जीतकर 16वें एशियाई खेलों के 13वें दिन भारत को पदक तालिका में आठवें स्थान पर पहुंचा दिया.

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अश्विनी चिदानंदा और जोसेफ अब्राहम ने गुरुवार को 400 मीटर की बाधा दौड़ में जबकि विकास कृष्ण ने मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक जीतकर 16वें एशियाई खेलों के 13वें दिन भारत को पदक तालिका में आठवें स्थान पर पहुंचा दिया.

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जोसेफ और अश्विनी ने भारतीय एथलेटिक्स को नयी ऊंचाईंयों पर पहुंचाते हुए क्रमश: पुरुष और महिला वर्ग की 400 मीटर बाधा दौड़ का स्वर्ण पदक जीता जो एशियाई खेलों में किसी भी देश की विशिष्ट उपलब्धि है. किशोर मुक्केबाज विकास कृष्ण (60 किग्रा) ने 12 साल बाद इस प्रतियोगिता में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया जबकि दिनेश कुमार (81 किग्रा) को रजत पदक मिला.

भारतीय पुरुष हाकी टीम और मध्यम दूरी की धाविका टिंटु लुका ने कांस्य पदक जीते. पहलवान मौसम खत्री ने भी पुरुषों की 96 किग्रा फ्रीस्टाइल में कांसे का तमगा हासिल किया. इसके कुछ देर बाद जोसेफ ने पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ में सोने का तमगा जीतकर भारतीयों की खुशी दूनी कर दी. इस स्पर्धा में राष्ट्रीय रिकार्डधारक 29 वर्षीय जोसेफ ने लेन तीन में दौड़ते हुए 49.96 सेकेंड में दौड़ पूरी की. वह अपने राष्ट्रीय रिकार्ड (49.51 सेकेंड) से पीछे रहे लेकिन इस सत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रहे. {mospagebreak}

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अपने जमाने की मशहूर धाविका पीटी उषा की शिष्य टिंटु लुका ने सुबह महिलाओं की 800 मीटर दौड़ दो मिनट 01.36 सेकेंड में पूरी करके कांस्य पदक जीता. इस तरह से भारत ने एथलेटिक्स में चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक सहित कुल आठ पदक जीत लिये हैं.

अश्विनी और जोसेफ से पहले प्रीजा श्रीधरन ने महिलाओं की 10,000 मीटर और सुधा सिंह ने 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीते थे. मुक्केबाजी में विकास कृष्ण ने एशियाई खेलों में 12 साल बाद भारत को स्वर्ण पदक दिलाया. भारत ने 1998 में डिंको सिंह के स्वर्ण पदक के बाद से एशियाई खेलों में सोने का तमगा नहीं जीता था और आखिर में यह क्रम हरियाणा के कम मशहूर मुक्केबाज विकास ने पुरुषों के 60 किग्रा (लाइटवेट) भार वर्ग में पिछले चैंपियन चीनी मुक्केबाज क्विंग हू को 5-4 से हराकर तोड़ा.

भारत की पुरुष हाकी टीम ने फाइनल में जगह नहीं बना पाने की निराशा से उबरते हुए पिछले चार बार के चैंपियन दक्षिण कोरिया को 1-0 से हराकर कांस्य पदक जीता. भारत की तरफ से यह गोल तुषार खांडेकर ने किया. कुश्ती में मौसम खत्री ने 96 किग्रा वजन वर्ग में दक्षिण कोरिया के जेईगेंग किम को हराकर कांस्य पदक के साथ भारत को फ्रीस्टाइल स्पर्धा का पहला पदक दिलाया. {mospagebreak}

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दो अन्य पहलवानों राजीव तोमर (120 किग्रा) और निर्मला देवी (महिला 48 किग्रा) को हालांकि पहले राउंड में ही हार का सामना करना पड़ा. कबड्डी में पुरुष टीम ने सेमीफाइनल में जापान को 52-17 से करारी शिकस्त देकर लगातार छठे स्वर्ण पदक की तरफ मजबूती से कदम बढ़ाये. महिला टीम ने भी ईरान के खिलाफ शुरू में पिछड़ने के बाद वापसी करके 23-22 की नजदीकी जीत के साथ फाइनल में जगह बनायी. पुरुष टीम कल फाइनल में ईरान से जबकि महिला टीम थाईलैंड से भिड़ेगी.

इन सात पदकों के जुड़ने से भारत के अब कुल दस स्वर्ण, 14 रजत और 29 कांस्य पदक हो गये हैं और वह पदक तालिका में आठवें स्थान पर पहुंच गया है. भारत ने दोहा एशियाई खेलों में भी दस स्वर्ण पदक जीते थे और वह दसवें स्थान पर रहा था.

महिला और पुरुष टीम ने भी फाइनल में पहुंचकर खुद को स्वर्ण पदक की दौड़ में बनाये रखा है जबकि विजेंदर सिंह सहित तीन मुक्केबाज कल फाइनल में उतरेंगे जिससे भारत शीर्ष पांच में शामिल हो सकता है. चीन ने पदक तालिका में अपना चोटी का स्थान बरकरार रखा है. उसके नाम पर 179 स्वर्ण, 103 रजत और 91 कांस्य पदक दर्ज हैं. उसके बाद दक्षिण कोरिया ने 72 स्वर्ण, 60 रजत और 86 कांस्य तथा जापान ने 39 स्वर्ण, 68 रजत और 86 कांस्य पदक जीते हैं.

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