असम से एक बार फिर हिंसा की खबरें आ रही हैं. गुरुवार को असम के बक्सा और कामरूप में हिंसा भड़क गई. बलवाइयों और पुलिस में झड़प होने से कई लोग घायल हो गए.
इस इलाके में सेना तैनात है. भीड़ पर काबू पाने के लिए सेना को फायरिंग भी करनी पड़ी. गुरुवार की हिंसा बुधवार रात एक शख्स पर हुए हमले के जवाब में हुई.
बुधवार की रात बक्सा में एक व्यक्ति पर हमला हुआ और एक नैनो कार जला दी गई. गुरुवार को भीड़ ने लकड़ी के पुल और बसों को आग के हवाले कर दिया है. हालात काबू में करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स और सेना तैनात की गई है.
कोकराझार के पास के जिले बक्सा में तीन गाड़ी में आग लगाई गई. इसके अलावा लकड़ी के एक पुल को आग के हवाले कर दिया गया. इस बीच, भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा है कि देश के कई शहरों में रह रहे नॉर्थ-ईस्ट के छात्रों को धमकी भरे संदेश मिल रहे हैं.
उनसे कहा जा रहा है कि वे या तो शहर छोड़ दें या हिंसा झेलने के लिए तैयार रहें. स्वराज ने इस बारे में सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है, लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि इस तरह की बातों में कोई दम नहीं है. सरकार ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है.
स्वराज ने केंद्र की कांग्रेस सरकार को हाथे आड़े लिया है. स्वराज ने कहा कि हमारे नेताओं को असम के लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए. साथ में सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए. भाजपा की इस नेता ने कहा कि असम के लोगों की रक्षा एबीवीपी करेगी.
दूसरी ओर, बेंगलुरू में आरएसएस के कार्यकर्ता स्टेशन पर लोगों को समझाने का काम कर रहे हैं. असम के बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) क्षेत्रों में 20 जुलाई से हिंसा भड़की हुई है. इसमें 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. साढ़े चार लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए है. इन दंगों के बाद हजारों परिवार शरणार्थी शिविरों में शरण लिए हुए हैं. इस हिंसा की आग में मुंबई तक झुलस चुकी है.