असम में विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में 64 सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं.
126 सदस्यीय राज्य विधानसभा चुनाव के पहले चरण में चार अप्रैल को 62 सीटों के लिए मतदान हुआ था और कुल 73 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा था.
दूसरे चरण के मतदान के दौरान 64 निर्वाचन क्षेत्रों के कुल 96 लाख 78 हजार मतदाता 496 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे जिनमें 47 महिला उम्मीदवार शामिल है. इन निर्वाचन क्षेत्रों में साढ़े 11 हजार से ज्यादा मतदान केन्द्र बनाये गये हैं.
जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होना है वे ढ़ुबरी, कोकराझार, बोंगाइगांव, गोलपारा, बारपेटा, कामरूप (मेट्रो), कामरूप ग्रामीण, नलबाड़ी, बाकसा, चिरंग, उदागुरी, डर्रांग, मोरीगांव और नौगांव जिलों में स्थित हैं. निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 345 कंपनियां तैनात की गयी हैं.
राज्य में पिछले दस वर्ष से सत्तारूढ कांग्रेस ने इस चुनाव में सभी 64 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि भाजपा 58, असम गण परिषद 53, एनसीपी 18 और तृणमूल कांग्रेस 58 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.{mospagebreak} इनके अलावा एआईयूडीएफ ने 49, माकपा ने नौ और भाकपा ने सात सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. इन राजनीतिक दलों के अलावा 178 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं.
पहले चरण के मतदान में मुख्यमंत्री तरूण गोगोई, वरिष्ठ मंत्री प्रद्युत बोरदोलोई, अजंता नियोग, पृथ्वी मांझी, गौतम रॉय, भरत चंद्र नारा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत दत्ता, असम गण परिषद (अगप) के पूर्व अध्यक्ष वृंदावन गोस्वामी और भाकपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रमोद गोगोई सहित कुल 485 उम्मदवारों का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में बंद हो गया था.
अरविंद राजखोवा के नेतृत्व वाला उल्फा का बातचीत समर्थक धड़ा चुनावों से दूर रहा. उत्तरी कछार पर्वतीय जिले को दो स्वायत्त पहाड़ी जिलों में बांटने की मांग को लेकर इंडिजनस पीपुल फोरम के नेतृत्व में हाफलांग थाना अंतर्गत 10 मतदान केंद्रों पर मतदान का बहिष्कार किया गया. इंडिजनस पीपुल फोरम हमर, कूकी और जेमे नगा आदिवासियों का संगठन है.
दूसरे चरण के चुनाव में 47 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें राज्य की कृषि मंत्री प्रमिला रानी ब्रह्मा समेत छह महिला विधायक शामिल हैं. पहले चरण के चुनाव में 38 महिला उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था.
राज्य में सत्तासीन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 10-10 महिला उम्मीदवारों को खड़ा किया है. वहीं कांग्रेस को समर्थन दे रही बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने चार और असम गण परिषद् ने भी चार महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. मतगणना 13 मई को होगी.