इसी माह के प्रारंभ में तीन युवकों के हमले का शिकार हुए वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा है कि इस घटना को एक बंद अध्याय समझा जाना चाहिए.
शनिवार शाम को टीम अन्ना की बैठक के बाद भूषण ने कहा, ‘‘अब यह पुराना मामला बन गया है और इसे भूल जाना ही बेहतर है.’’
उल्लेखनीय है कि 13 अक्तूबर को भूषण जब उच्चतम न्यायालय में अपने कक्ष में बैठे थे, तब तीन दक्षिणपंथी युवकों ने जम्मू-कश्मीर में जनमत सर्वेक्षण की वकालत करने को लेकर उनके साथ मारपीट की थी.
वरिष्ठ वकील ने कहा कि उनका बयान उनकी निजी राय है और उसका किसी संगठन या व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं है.