मध्य प्रदेश में लोकायुक्त व आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) द्वारा जारी छापामार कार्रवाइयों में सरकारी कर्मचारियों के करोड़पति होने का खुलासा हो रहा है. इसी क्रम में रविवार को इंदौर में भी एक क्लर्क के करोड़पति होने का खुलासा हुआ है.
इंदौर के परिवहन कार्यालय में पदस्थ लिपिक रमन धुलधोए के ठिकाने पर रविवार सुबह आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने छापा मारा. इस कार्रवाई में धुलधोए के निवास से मिले दस्तावेजों के आधार पर उनके करोड़पति होने का पता चला है.
ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह के अनुसार धुलधोए के रानीपुरा इलाके में मकान, खंडवा रोड पर लगभग 39 बीघे का फार्म हाउस, चार भूखंड व कई वाहनों के मालिक होने का पता चला है, जिनकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये के आसपास है. धुलधोए के आवास पर दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है.
बताया जाता है धुलधोए लंबे समय से इंदौर में पदस्थ हैं और उनके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति की शिकायत ईओडब्ल्यू से की गई थी, इसी शिकायत के आधार पर रविवार को छापा मारा गया.
इससे पहले उज्जैन में एक चपरासी के यहां लोकायुक्त को छापे में लगभग छह करोड़ रुपये की सम्पत्ति का पता चला था. इसी तरह मंदसौर में भी एक इंजीनियर के पास भी करोड़ों रुपये की सम्पत्ति मिली थी.