उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कपकोट थाने के तहत सुमगढ इलाके में बुधवार को बादल फटने और तेज वर्षा होने से एक स्कूल का भवन ढह गया, जिससे 18 बच्चों की मौत हो गयी और छह बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया तथा अन्य की तलाश की जा रही है.
राज्य के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि वह घटनास्थल के लिये रवाना हो रहे हैं. उन्होने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार 18 बच्चों की मौत हो चुकी है.
इस घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुये निशंक ने कहा कि मृत बच्चों के परिजनों को 50-50 हजार रूपये की अनुग्रह राशि तुरंत दी जायेगी.
निशंक ने बताया कि बादल फटने से इलाके में भारी तबाही हुई है. जगह-जगह सडकें टूट गयी और कई मकान भी धराशायी हो गये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं और जैसे ही मौसम ठीक होता है वह स्थिति का जायजा लेने के लिये रवाना होंगे.
उन्होने कहा कि सडक मार्ग से उस स्थान तक पहुंचा नहीं जा सकता है क्योंकि देहरादून से करीब 15 घंटे लगेगें. निशंक ने कहा कि मौके पर राहत के लिये भारत तिब्बत सीमा पुलिस, उत्तराखंड पुलिस के अतिरिक्त स्थानीय ग्रामीण भी जुटे हुये हैं.
दूसरी ओर राज्य के आपदा राहत मंत्री खजान दास ने बताया कि अब तक 18 बच्चों के शव निकाले जा चुके हैं और छह बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है.
उन्होने कहा कि हरसिंगाबगड के पास बादल फटा और पहाडी नदी में एकाएक काफी मात्रा में पानी आ गया जिससे सुमगढ में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर का भवन ढह गया और उसमें पढ रहे बच्चे उसकी चपेट में आ गये.