रेल हादसे हैं के रुकने का नाम ही नही ले रहे. तमिलनाडु में बीती रात एक भीषण रेल हादसा हो गया. चेन्नई से करीब 75 किलोमीटर दूर अराकोणम में एक ईएमयू ट्रेन ने सिग्नल पर खड़ी पैसेंजर ट्रेन में टक्कर मार दी. हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 100 के करीब जख्मी हैं.
तमिलनाडु के सिंथेरी में मंगलवार रात एक भीषण रेल हादसा हुआ. हादसा की भीषणता का पता इसी से चलता है कि घटनास्थल पर कहीं मुसाफिरों के शव बोगी के नीचे फंसे हुए हैं तो कहीं ट्रेन के टूटे पुर्जे बिखरे पड़े हैं. मंगलवार की रात करीब 9 बजे ये हादसा चेन्नई से करीब 75 किलोमीटर दूर अराकोणम से सटे सिथेरी रेलवे स्टेशन के पास हुआ. सिथेरी अराकोणम से करीब पांच किलोमीटर दूर है.
अराकोणम-वेल्लोर पैसेंजर ट्रेन अराकोणम से खुली थी. सिग्नल रेड होने की वजह से ट्रेन सिथेरी स्टेशन के पास खड़ी हो गई. उधर, वेल्लोर जाने वाली ईएमयू ट्रेन चेन्नई बीच से खुली और सिथेरी स्टेशन के पास सिग्नल के इंतजार में खड़ी अराकोणम-वेल्लोर पैसेंजर ट्रेन को पीछे से टक्कर मार दी.
टक्कर इतनी जोरदार था कि दोनों ट्रेनों की पांच बोगियां पटरी से उतर गईं. इनमें सबसे ज्यादा नुकसान पैसेंजर ट्रेन को पहुंचा. ट्रेन की पांच बोगियां तो इतनी बुरी तरह पिचक गईं कि लोगों को निकालने के लिए गैस कटर से इन्हें काटना पड़ा. हादसे की खबर मिलते ही राहत ट्रेन और नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की दो टुकड़ियों को मौके पर रवाना कर दिया गया. कुछ घंटे बाद एनडीआरएफ की दो और टीम को घटनास्थल पर भेज दिया गया. आईएनएस राजाली नेवल बेस से नेवी की टीम बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंच गई.
हालांकि, तेज बारिश और अंधेरे की वजह से राहत और बचाव कार्य में मुश्किलें आईं लेकिन रेस्क्यू टीम मुस्तैदी से लगी रही और करीब तीन घंटे के भीतर ट्रेन में फंसे तमाम लोगों को बाहर निकालकर अराकोणम, वेल्लोर और चेन्नई के अस्पतालों में पहुंचा दिया गया.
बहरहाल, सवाल उठता है कि जब पैसेंजर ट्रेन सिग्नल के इंतजार में खड़ी थी, तो उसी ट्रैक पर ईएमयू ट्रेन कैसे आ गई? हादसे के फौरन बाद दिल्ली में रेल मंत्री के साथ मीडिया के बीच आए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने इशारा किया कि हादसे की वजह मानवीय भूल हो सकती है.
रेल मंत्री के मुताबिक हादसे के वक्त सिग्नल में कोई खराबी नहीं थी. इसलिए ये जांच का मामला है कि ईएमयू ट्रेन कैसे उसी पटरी पर आ गई. सौभाग्य से ईएमयू ट्रेन का ड्राइवर सलामत है. हालांकि, गंभीर रूप से जख्मी होने की वजह से वो बयान देने की स्थिति में नहीं है. बहरहाल, सांस के परीक्षण से साफ हुआ है कि ड्राइवर नशे में नहीं था. रेल मंत्री के मुताबिक ईएमयू ट्रेन का ड्राइवर 16 घंटे के आराम के बाद ड्यूटी पर लौटा था. ऐसे में थकान की थ्योरी भी गलत है. जाहिर है कि ड्राइवर के बयान के बाद हादसे का राज खुल पाएगा.
रेलवे का कहना है कि ईएमयू ट्रेन के ड्राइवर की गलती से हादसा हुआ. दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक के मुताबिक ड्राइवर ट्रेन को तय सीमा से ज्यादा रफ्तार से चला रहा था. हादसे के वक्त ट्रेन की रफ्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटा थी, लेकिन सिथेरी में जहां हादसा हुआ वहां ट्रेन की रफ्तार पंद्रह किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होना चाहिए था. यही नहीं, ड्राइवर ने सिग्नल की भी अनदेखी की.
रेलवे के मुताबिक ड्राइवर ने चार येलो सिग्नल को तोड़ा और पैसेंजर ट्रेन में टक्कर मारने से पहले रेड सिग्नल को भी तोड़ा. ट्रेन हादसे में करीब 100 लोग जख्मी हुए हैं. जख्मी लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. 25 लोगों को चेन्नई के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि बाकी घायलों को वेल्लोर और अराकोणम के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
इस बीच, रेलवे ने मुआवजे का एलान कर दिया है. मृतकों के परिवार को पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से जख्मी मुसाफिरों को एक लाख रुपये और मामूली रूप से जख्मी मुसाफिरों को 25 हजार रुपये बतौर मुआवजा दिया जाएगा.
चेन्नई के हेल्पलाइन नंबर इस प्रकार हैं: 044-5327771, 044-5330710, 09444919572