संयुक्तराष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून का कहना है कि मिस्र में चल रहे प्रदर्शनों की कवरेज कर रहे पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले ‘घृणित और असहनीय हैं जिन्हें तुरंत रोका जाना चाहिए.
बान ने बर्लिन में जर्मनी के राष्ट्रपति क्रिश्चन वुल्फ से हुई बातचीत के बाद यह बातें कहीं.
बान ने कहा कि राष्ट्रपति और मैं काहिरा में अंतरराष्ट्रीय मीडिया पर लगे प्रतिबंध और उन्हें आतंकित किए जाने के बारे में विशेष रूप से चिंतित हैं. मैं यह बात साफ तौर से कहना चाहता हूं कि यह घृणित और असहनीय है, इसे तुरंत बंद होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर साफ और मजबूत शब्दों में मिस्र के अधिकारियों से कहना चाहता हूं कि वे मिस्र के लोगों की आवाज को सुनें और तुरंत वास्तविक बदलाव लाएं.
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और एकत्र होने की आजादी जरूर मिलनी चाहिए. बान ने कहा कि मिस्र के अधिकारी और वहां के लोगों की ओर से बदलाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद संयुक्तराष्ट्र चुनावों सहित सभी प्रकार की हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है. {mospagebreak}
पत्रकारों पर हमले अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन: क्लिंटन
वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने मिस्र में चल रहे विरोध प्रदर्शनों का कवरेज करने गये पत्रकारों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन’ बताया है.
हिलेरी ने क्रोएशिया के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री गार्डन जानड्रोकोविक के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है जो इस बात की गारंटी देता है कि किसी भी परिस्थिति में प्रेस की स्वतंत्रता बनी रहे.
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना मिस्र सरकार की जिम्मेदारी है कि पत्रकार मिस्र और विश्व की जनता को घटनाक्रम की सही जानकारी दे सकें. अमेरिकी विदेश मंत्री ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों, राजनयिकों, विदेशी लोगों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा की.