प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की से मुलाकात की और म्यांमार में राष्ट्रीय सुलह व लोकतांत्रीकरण की प्रक्रिया पर चर्चा की. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मनमोहन सिंह और सू की के बीच बातचीत आधा घंटा चली.
इसके पहले दोनों ने बगैर सहयोगियों के मुलाकात की. सू की का नई दिल्ली में स्वागत करने पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए मनमोहन सिंह ने जवाहरलाल नेहरू व्याख्यान देने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.
सू की के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारी शुभकामना, आपके और लोकतंत्र के लिए आपके संघर्ष के साथ है. आपने जो अदम्य साहस दिखाया है, उसका मैं मुरीद हूं.'
सूत्रों ने कहा, 'दोनों नेताओं ने म्यांमार में जारी राष्ट्रीय सुलह प्रक्रिया और इस संदर्भ में लोकतंत्रीकरण की प्रक्रिया पर चर्चा की. प्रधानमंत्री ने डॉ सू की और राष्ट्रपति थेन सेन द्वारा की गई प्रगति का स्वागत किया.'
सूत्रों ने कहा, 'दोनों इस बात पर सहमत हुए कि आपसी सम्बंध महत्वपूर्ण है. दोनों देशों में संसद और न्यायपालिका के बीच व्यापक सहयोग के बारे में भी चर्चा हुई.' सू की ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात से पहले कहा, 'भारत आकर बहुत अच्छा लगा. मैं खुश हूं कि मैं दिल्ली के कुछ हिस्सों को आज भी पहचान पा रही हूं.'
नोबेल पुरस्कार विजेता सू की अपनी किशोरावस्था एवं युवावस्था का एक लंबा दौर भारत में बिता चुकी हैं. वह करीब 40 साल बाद मंगलवार को भारत के छह दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचीं.
सू की ने दिल्ली स्थित कान्वेंट ऑफ जीसस एंड मेरी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की और लेडी श्री राम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया. उस वक्त उनकी मां भारत में बर्मा की राजनयिक थीं. उम्मीद की जा रही है कि वह कॉलेज की छात्राओं तथा शिक्षकों से भी मुलाकात करेंगी.
सू की उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से मिलने वाली हैं. बेंगलुरू और आंध्र प्रदेश के लिए रवाना होने से पहले सू की गुड़गांव स्थित द इनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) भी जाएंगी.
भारत, सू की को अंतर्राष्ट्रीय समझ के लिए 1992 में जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार प्रदान कर चुका है. उस समय वह म्यांमार में सैन्य शासन के तहत नजरबंद थीं.