अयोध्या विवाद पर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद जनता द्वारा शांति और सदभाव बनाये रखने पर संतोष व्यक्त करते हुए केन्द्र सरकार ने कहा कि इस फैसले का कार्यान्वयन आज नहीं होने जा रहा है इसलिए अदालती फैसले पर टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है.
केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि यह फैसला हालांकि महत्वपूर्ण है लेकिन आज कार्यान्वित नहीं होने जा रहा है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा है कि इस समय सही निष्कर्ष यही है कि जब तक मामले पर उच्चतम न्यायालय विचार नहीं करता, यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी.
उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले कुछ दिन में कोई न कोई पक्ष उच्चतम न्यायालय में अपील करेगा और शीर्ष अदालत इस पर संज्ञान लेकर कोई अंतरिम आदेश जारी करेगी.
चिदंबरम ने कहा कि अयोध्या विवाद पर फैसले के बाद देश भर में कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रही और शांति कायम रही. कहीं से किसी घटना की खबर नहीं है. सरकार इस बात से संतुष्ट है कि जनता ने फैसले को काफी मर्यादित ढंग से लिया.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि कल के फैसले का 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाये जाने की घटना से कोई संबंध नहीं है. बाबरी मस्जिद ढहाये जाने को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. मेरी नजर में वह एक आपराधिक मामला है.
चिदंबरम ने कहा कि मीडिया भी कल के फैसले की जरूरत से ज्यादा व्याख्या कर रहा है. मैं समाचार चैनलों से आग्रह करूंगा कि वे इस फैसले की व्याख्या में कम समय दें और अखबारों से अपील करूंगा कि वे इसके लिए कम जगह दें. {mospagebreak}
मायावती सरकार द्वारा कानून व्यवस्था की कोई स्थिति बिगडने की स्थिति में जिम्मेदारी केन्द्र की होने के बारे में दिये गये कथित बयान पर उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था कायम करना उत्तर प्रदेश सरकार का काम है और केन्द्र इस काम में उसकी मदद कर रहा है. यदि ऐसा भी है कि कानून व्यवस्था कायम करना केन्द्र का काम है और उत्तर प्रदेश सरकार उसमें मदद कर रही है तो भी ठीक है.
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा फैसले के आने वाले समय में असर को लेकर की गयी कथित टिप्पणी पर चिदंबरम ने कहा कि हमें किसी तरह की कोई आशंका नहीं है. हम अपना काम कर रहे हैं और वह काम है कानून व्यवस्था कायम करना. हम इसे बखूबी कर रहे हैं.
उन्होंने अपने मंत्रालय की सितंबर महीने की प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि फैसले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई और प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे शांति और सदभाव बनाये रखें. इस बात की खुशी है कि प्रधानमंत्री की इस अपील पर जनता ने सकारात्मक जवाब दिया है.
चिदंबरम ने कहा कि फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश को केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की 52 कंपनियां मुहैया करायी गयीं, जिसमें 40 कंपनियां सीआरपीएफ और शेष आरएएफ की हैं.
उन्होंने बताया कि अर्धसैनिक बलों की कुछ कंपनियों को आपात स्थिति के लिए तैयार रखा गया है. भारतीय वायुसेना भी किसी गडबडी वाले इलाके में अर्धसैनिक बलों या सैनिकों को ले जाने के लिए तैयार है.