आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने कहा है कि इस समय सरकार में ‘निर्णय क्षमता का पूर्ण अभाव’ देश के समक्ष चिंता का सबसे बड़ा कारण है. प्रेमजी ने कहा है कि यदि इस दिशा में सुधार नहीं हुआ तो आर्थिक वृद्धि दर प्रभावित हो सकती है.
उन्होंने कहा, ‘सबसे बड़ी चिंता राजकाज के संचालन से जुड़े मुद्दों को लेकर है.. सरकार के नेताओं में निर्णय लेने का पूर्णतया अभाव है.’ उनसे पूछा गया था कि आज देश के समक्ष सबसे बड़ी चिंता क्या है.
प्रेमजी ने कहा कि यदि सुधार के उपाय नहीं किए गए, तो इससे वृद्धि दर प्रभावित होगी.
संभवत: हाल में मीडिया में छाए रहे घोटालों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘राजकाज के संचालन से जुड़े संबंधे इस समय सुखिर्यों उतने नहीं आ रहे हैं जितने महीने भर पहले आ रहे थे.’ कई दिग्गज उद्यमियों प्रेमजी, केशुब महिंद्रा और एचडीएफसी के दीपक पारेख ने इसी माह राष्ट्रीय नेताओं को लिखे पत्र में घोटालों की श्रंखला पर चिंता जताते हुए कहा था कि इससे संचालन की समस्या पैदा हो रही है. हालांकि पत्र में कहा गया था कि भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियों से शहरी आंदोलन या पोस्टरबाजी से नहीं निपटा जा सकता.
अजीम प्रेमजी ने यह भी कहा कि उन्हें अमेरिका में कोई बहुत अधिक नरमी नहीं दिख रही. भारतीय आईटी कंपनियों के लिये अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है.
उन्होंने कहा कि वह पिछले सप्ताह अमेरिकी मुख्य कार्यकारियों की बैठक में भाग लेने के लिये अटलांटा में था. उनकी सोच बेहद सकारात्मक थी.
प्रेमजी ने कहा, ‘नकद प्रवाह के मामले में कंपनियां मजबूत हैं. नकदी प्रवाह को लेकर उनका नजरिया काफी सकारात्मक हैं. हमें अमेरिकी बाजार में कोई भारी नरमी देखने को नहीं मिली.’