कर्नाटक में सरकार के नेतृत्व के मुद्दे पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए भाजपा के शीर्ष केंद्रीय नेताओं ने मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया शुरू करते हुए प्रदेश के पार्टी विधायकों और सांसदों के साथ विचार विमर्श किया.
भाजपा के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, येदियुरप्पा कल दोपहर में अपना इस्तीफा देंगे और अपने उस वायदे को पूरा करेंगे जिसमें अवैध खनन के मुद्दे पर लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद उन्होंने 31 जुलाई को इस्तीफा देने की बात कही थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली, राजनाथ सिंह और एम वेंकैया नायडू ने इस मामले में गतिरोध को समाप्त करने के लिए विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू की.
इससे पहले आज येदियुरप्पा ने भाजपा के नेताओं अरूण जेटली और राजनाथ सिंह से मुलाकात की. ये दोनों नेता मुख्यमंत्री पर इस्तीफा देने और उनके उत्तराधिकारी का निर्बाध चयन सुनिश्चित करने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए हैं. अवैध खनन पर लोकायुक्त की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री पर अभियोग लगाए जाने के बाद लगातार तीसरे दिन राजनीतिक हलचलें तेज रहीं. इस बीच येदियुरप्पा खेमे ने संकेत दिया कि मुख्यमंत्री को अपने इस्तीफे पर अंतिम निर्णय अभी करना है.
बगावत का संकेत देते हुए येदियुरप्पा ने समर्थक विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक की थी ताकि केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाया जा सके. पार्टी सूत्रों ने बताया कि येदियुरप्पा अपनी पसंद के व्यक्ति को उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं और अपने लिए प्रदेश पार्टी अध्यक्ष का पद चाहते हैं. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अनंत कुमार उत्तराधिकारी की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं. जबकि राज्य के वरिष्ठ मंत्री वी एस आचार्य और पार्टी सांसद सदानंद गौड़ा के नाम की भी चर्चा है.
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा ने येदियुरप्पा के समर्थकों की ओर से लोकायुक्त की रिपोर्ट की आलोचना किये जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की है. येदियुरप्पा उस होटल में गए जहां जेटली और सिंह ठहरे हुए हैं. बंद कमरे में तीनों नेताओं ने कुछ देर बातचीत की. कल केंद्रीय नेताओं के यहां आने के बाद उनकी यह दूसरी मुलाकात है.
बृहस्पतिवार को भाजपा संसदीय बोर्ड से निर्देश मिलने के बाद येदियुरप्पा ने एक बयान जारी कर कहा कि वह 31 जुलाई को इस्तीफा दे देंगे. लेकिन कुछ ही घंटे के अंदर उनके पक्ष की ओर से बगावत का संकेत देते हुए कुछ शर्तें रख दी गई जिसके बाद कल उनके उत्तराधिकारी का चयन करने के लिए होने वाली विधायक दल की बैठक रद्द कर गई.
सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक डी एन जीवराज ने येदियुरप्पा के आवास के बताया, ‘अधिकतर विधायकों की राय है कि उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए. 74 विधायकों ने येदियुरप्पा को यह तय करने का अधिकार दिया है कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए या नहीं.’ उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के प्रति निष्ठा रखने वालों का कहना है कि उन्हें पद पर बने रहने दिया जाना चाहिए.
येदियुरप्पा खेमे के माने जाने वाले आबकारी मंत्री एम पी रेणुकाचार्य ने कहा, ‘हम येदियुरप्पा के साथ हैं. हम केंद्रीय नेतृत्व से उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बनाए रखने की अपील करते हैं. ज्यादातर विधायकों की जीत का कारण उनका नेतृत्व है.’ रेणुकाचार्य ने लोकायुक्त की रिपोर्ट की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यह येदियुरप्पा के खिलाफ षड्यंत्र है.
उन्होंने कहा कि इसमें कांग्रेस के एस एम कृष्णा और धरम सिंह की अगुवाई वाली सरकारों के कार्यकाल के दौरान हुए अवैध खनन का जिक्र नहीं है. दक्षिण में भाजपा की पहली सरकार जहां संकट में है वहीं दूसरी ओर ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि पार्टी के विधायक दल की बैठक कब बुलाई जाएगी.