उत्तर प्रदेश की चुनावी जंग में अब नया उबाल आने वाला है. 2012 के चुनावी घमासान में यूपी जीतने का ख्वाब देख रही बीजेपी और कांग्रेस शुक्रवार को चुनावी घोषणा पत्र का एलान करने जा रही है.
मुफ्त लैपटॉप और टैबलेट की समाजवादी पार्टी की घोषणाओं के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी औऱ कांग्रेस यूपी के मतदाताओं को क्या सब्जबाग दिखाती है.
यूपी की मिट्टी की उड़ती धूल, आसमान में गरजते हेलीकॉप्टर्स, सड़कों पर नेताओं की गाड़ियों का काफिला, रैलियों में नेताओं की जुबान से निकलते शोले यह बात बयां कर कह रही हैं कि 2012 चुनाव में यूपी पर फतह हासिल करने की जंग अब आग बन चुकी है.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती से यूपी की गद्दी छीनने के लिए विपक्षी पार्टियों- एसपी, बीजेपी और कांग्रेस ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है.
यूपी का ताज हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार तमाम पार्टियों में से समाजवादी पार्टी ने तो कुछ दिन पहले अपने मेनिफस्टों के जरिए ब्रह्मास्त्र फेंक दिया.
अब मतदाताओं को लुभाने की बारी कांग्रेस की है. यूपी कांग्रेस विजन 2020 से पर्दा उठने ही वाला है. कांग्रेस यूपी में 20 लाख नौकरी पैदा करने के लिए 1000 स्किल डेवलपमेंट केंद्र खोलने का एलान कर सकती है.
अलीगढ़, फिरोजाबाद, भदोही, कन्नौज, कानपुर, लखनऊ समेत यूपी के तमाम इलाकों में खस्ताहाल पुराने उद्योगों को जिंदा करने के प्लान का भी एलान कांग्रेस विजन डॉक्यूमेंट में हो सकता है. युवाओं पर विशेष ध्यान औऱ मुस्लिम आरक्षण के बड़े वादे भी कांग्रेस की चुनावी घोषणा का हिस्सा हो सकते हैं.
यूपी के रास्ते 2014 लोकसभा चुनावों में केंद्र की गद्दी का ख्वाब देख रही बीजेपी भी करने जा रही है चुनावी घोषणा पत्र का एलान. बीजेपी की तैयारी है चुनावी घोषणा पत्र से राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य की बदहाली, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था पर चोट करने की.
वैसे अभी तक जो संकेत हैं, उसके हिसाब से कांग्रेस-बीजेपी के चुनावी घोषणाओं में भी ज्यादातर सब्जबाग ही दिखाए जाएंगे. देखना है कि चुनाव में इन पार्टियों के वादे क्या असर छोड़ते हैं.