कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अपने वफादार मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक करके विकल्प तलाशने में जुट गए हैं.
भाजपा नेतृत्व ने अवैध खनन के मुद्दे पर लोकायुक्त की रिपोर्ट के मद्देनजर मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को पद छोड़ने को कहा है. दिल्ली से लौटने के फौरन बाद येदियुरप्पा ने सीएम उदासी, मुरुगेश निरानी, उमेश कत्ती और बासवराज बोम्मई समेत एक दर्जन मंत्रियों से विचार-विमर्श किया.
कई मंत्री और विधायक येदियुरप्पा के रेसकोर्स स्थित निवास पर एकत्रित हुए. दिल्ली से लौटने पर येदियुरप्पा बुझे-बुझे से दिखाई दे रहे थे. उन्होंने कहा कि वे 31 जुलाई को दोबारा दिल्ली जाएंगे.
रेड्डी बंधुओं के करीबी सहयोगी और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बी श्रीरामालु, मंत्री जी करुणाकर और जी जनार्दन को येदियुरप्पा ने बुलाया, जिसके बाद तीनों मंत्री मुख्यमंत्री से मिलने आए.
मुख्यमंत्री से मिलने के पहले श्रीरामालु ने कहा कि पार्टी आलाकमान ही सर्वोच्च है. उन्होंने कहा, ‘‘हम पार्टी आलाकमान के फैसले को मानेंगे. हम आलाकमान से ऊपर नहीं हैं, हम पार्टी से भी ऊपर नहीं हैं. आलाकमान का फैसला ही अंतिम होगा.’’
माना जा रहा है कि बोम्मई ने भी रेड्डी बंधुओं से मुलाकात की. इस बारे में कई संकेत दिए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री ने विकल्प तलाशने के लिए विचार-विमर्श शुरू कर दिया है.
पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि येदियुरप्पा पार्टी आलाकमान के फैसले को मानेंगे. पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा नेतृत्व ने येदियुरप्पा को आश्वासन दिया है कि अगर ‘कानूनी लड़ाई’ के बाद अदालतों ने उनका नाम पाक-साफ करार दिया तो उन्हें बहाल कर दिया जाएगा.
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