कर्नाटक संकट के बारे में रविवार को हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को अधिकार दिया गया कि वह राज्य के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से बातचीत करके उनके बारे में अंतिम निर्णय करें.
उधर येदियुरप्पा ने बागी तेवर अपना कर पार्टी आलाकमान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. येदियुरप्पा ने कहा है कि उन्हें 120 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और उनका उत्तराधिकारी केवल वह खुद हैं.
गडकरी ने बैठक के बाद बताया कि बोर्ड के वरिष्ठ नेताओं का विचार बना कि कर्नाटक के बारे में मैं अंतिम निर्णय करूं लेकिन कोई फैसला करने से पहले मैं येदियुरप्पा से एक बार और बात करूंगा.
बैठक में येदियुरप्पा को आज दिल्ली तलब करने का निर्णय हुआ. वह यहां आने पर गडकरी से मिलेंगे. येदियुरप्पा पर भाई भतीजावाद का आरोप है. उन पर आरोप है कि उन्होंने अनियमिताएं बरतते हुए अपने बेटों को बेशकीमती शहरी भूमि आवंटित कराई.
वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी कर्नाटक संकट पर विचार विमर्श के लिए बैठक में भाग लेने खासतौर से मुंबई से यहां पंहुचे.
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि बैठक में वरिष्ठ नेताओं की आम राय यह थी कि येदियुरप्पा की जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए. उनका मानना है कि उन्हें हटाने के अलावा पार्टी के पास कोई विकल्प नहीं बचा है.
उधर येदियुरप्पा बागी तेवर अपना कर आलाकमान को चुनौती देने के मूड में दिख रहे हैं. दिल्ली में जब उन्हें हटाने के बारे में शीर्ष नेतृत्व चर्चा कर रहा था वह बेंगलूरू में संवाददाताओं से कह रहे थे कि मैं दिल्ली जा रहा हूं, मैं अपनी पार्टी के सदस्यों से मिलूंगा और उन्हें कर्नाटक के पूरे मामले से विस्तार से अवगत कराउंगा. 110 से 120 विधायक मेरे साथ हैं, 10, 20 या चालीस नहीं. दिल्ली सिर्फ मैं जा रहा हूं, मेरे साथ कोई और नहीं. एकमात्र उत्तराधिकारी बी एस येदियुरप्पा है.