भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोयला ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर अपना हमला और तेज करते हुए मंगलवार को फिर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को निशाना बनाया.
पार्टी ने सभी कोयला आवंटनों को रद्द करने और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की निगरानी में गठित विशेष जांच दल से इसकी जांच करने की मांग की.
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'बड़े आश्चर्य की बात है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में शामिल मंत्रियों के मंत्री बनने के बाद उनके भाई बड़े व्यवसायी बन गए.'
प्रसाद केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय और पूर्व कोयला मंत्री संतोष बागड़ोदिया के संबंध में हाल में हुए खुलासों के संदर्भ में बोल रहे थे. सहाय ने अपने भाई की कंपनी को कोयला ब्लॉक आवंटित किए जाने के लिए प्रधानमंत्री को खत लिखा था वहीं नेशनल थर्मल पावर कॉपोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा एक संयुक्त उपक्रम को आवंटित कोयला खदान में बागड़ोदिया परिवार की 10 फीसदी हिस्सेदारी थी.
उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि कैसे 26000 करोड़ रुपये का कोयला खदान करार उस संयुक्त उपक्रम को दिया गया जिसमें बागड़ोदिया परिवार की हिस्सेदारी है.
प्रसाद ने कहा कि कई कंपनियों को कोयला ब्लॉक आवंटन हुआ जिन्होंने सच्चाई छुपाई और जो इसके लायक नहीं थे.
उन्होंने मांग की कि सभी 142 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द किया जाए और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की निगरानी में गठित विशेष जांच दल से इसकी जांच कराई जाए.
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री जी इन सभी करारों पर बतौर कोयला मंत्री हस्ताक्षर कर रहे थे. अंतिम आवंटन तभी होता है जब मंत्री हस्ताक्षर करता है. क्या आपने ऐसा करने से पहले जांच की थी.'