विवादास्पद परमाणु दायित्व विधेयक पर विपक्ष की अधिकतर चिंताओं को दूर करने और मुआवजे की अधिकतम राशि को 500 से बढ़ा कर 500 करोड़ रूपये तक किए जाने के सरकार के प्रस्ताव के बाद भाजपा ने इसका समर्थन करने के संकेत दिये.
इस विधेयक को लोकसभा में रखने से एक दिन पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और अरूण जेटली से बातचीत की.
इस मुलाकात के बाद राज्य सभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि हमने विधेयक के संबंध में सरकार को जो सुझाव दिये थे, उस पर इस बैठक में गंभीरता पूर्वक चर्चा की गई. अभी यह विधेयक स्थायी समिति के समक्ष है और उम्मीद है कि इन सुझावों को शामिल किया जायेगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा परमाणु दायित्व विधेयक का समर्थन करेगी, जेटली ने कहा कि अगर कानून का बुनियादी स्वरूप ऐसा बन जाता है, जैसा हम पहले से कहते रहे हैं तो हम ऐस करेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार अमेरिकी दवाब के खिलाफ विधेयक में सुधार को शामिल करेगी, भाजपा नेता ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इस विधेयक में भाजपा के दबाव में संशोधन होगा.
उन्होंने कहा कि पार्टी को विधेयक के चार पांच बिंदुओं पर आपत्ति है, और इस संबंध में हमने प्रणव दा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के साथ बैठक के दौरान कुछ सुझाव दिये हैं.
भाजपा की मुख्य आपत्ति परमाणु दुर्घटना होने की स्थिति में मुआवजे के लिए 500 करोड़ रूपए की अधिकतम सीमा तय किए जाने पर थी. जेटली ने कहा कि प्रणव मुखर्जी के साथ बैठक के दौरान ऐसा प्रस्ताव आया है कि विधेयक में मुआवजे की अधिकतम राशि को बढ़ा कर 500 करोड़ रूपये कर दी जाए.