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उमर अब्दुल्ला सरकार पर जमकर बरसे भाजपा नेता

श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अभियान को विफल किए जाने के बाद हिरासत से रिहा किए गए भाजपा नेता सुषमा स्वराज और अरूण जेटली ने उमर अब्दुल्ला सरकार पर आरोप लगाया कि उसने अलगाववादियों के समक्ष ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया.

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श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अभियान को विफल किए जाने के बाद हिरासत से रिहा किए गए भाजपा नेता सुषमा स्वराज और अरूण जेटली ने उमर अब्दुल्ला सरकार पर आरोप लगाया कि उसने अलगाववादियों के समक्ष ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया.

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लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के प्रयास में श्रीनगर में सात भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. भाजपा के तिरंगा फहराने के अभियान को विफल करने के लिए लाल चौक को किले में तब्दील कर दिया गया था.

उधर, जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं ने स्वराज और जेटली के संवाददाता सम्मेलन के बाद नेशनल कांफ्रेंस के एक मंत्री की कार पर हमला किया. जम्मू-कश्मीर सरकार पर हमला बोलते हुए स्वराज ने कहा, ‘यह एक असाधारण स्थिति है. गणतंत्र के तौर पर भारत के 61 साल पूरे हो गए. आपातकाल के बाद यह पहला गणतंत्र दिवस है जब संसद में दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं को गिरफ्तारी में रखा गया. हमें अपने राज्य जम्मू-कश्मीर में तिरंगा फहराने की चाहत रखने को लेकर हिरासत में लिया गया. क्या यह अपराध है.’ {mospagebreak}

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जेटली ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार अलगाववादियों को संदेश देना चाहती है कि उन्हें संतुष्ट करने के लिए भाजपा नेताओं को रोका गया है. दोनों नेताओं ने राज्य सरकार द्वारा अनंत कुमार को दोपहर में कठुआ में रिहा किए जाने के तुरंत बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया.

स्वराज ने कहा, ‘सरकार से मेरा पहला सवाल यह है कि यह किस तरह का गणतंत्र है.’ उन्होंने मु़ख्यमंत्री द्वारा जेटली से फोन पर बातचीत में भाजपा नेताओं को दिए श्रीनगर में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकरा दिया. स्वराज ने कहा, ‘क्या उन्हें यह मालूम नहीं था कि हम गिरफ्तार हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हमारा उन्हें न्योता है कि वह हमारे साथ शामिल हों और लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएं.’ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिए जाने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि पार्टी तिरंगा फहराने को लेकर राजनीति कर रही है. {mospagebreak}

दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में गडकरी ने कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं कि लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में राजनीति है. मैं यह नहीं समझता हूं कि ध्वज फहराने में क्या राजनीति हो सकती है. यह राजनीति नहीं है.’ गडकरी ने आरोप लगाया कि केंद्र और उमर अब्दुल्ला सरकार अलगाववादियों के दबाव के आगे झुक गई है.

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झंडा फहराने की भाजपा की योजना की पार्टी के विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कश्मीर अभियान से तुलना करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि इस आंदोलन ने जम्मू-कश्मीर का देश के शेष हिस्सों के साथ एकीकरण करने के मुद्दे को सामने ला दिया है. पुलिस ने श्रीनगर में सात भाजपा कार्यकर्ताओं को तब गिरफ्तार कर लिया जब उन्होंने वहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने का असफल प्रयास किया. {mospagebreak}

अधिकारियों ने बताया कि भाजपा का एकमात्र समर्थक तिरंगा के साथ सुबह साढ़े आठ बजे रीगल चौक पर दिखा. रीगल चौक लाल चौक पर स्थित घंटाघर से महज 100 गज की दूरी पर है. गुड़गांव निवासी श्रीकांत को पुलिसकर्मियों ने उसके ध्वज फहराने के लिए लाल चौक की ओर बढ़ने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया. उसे कोठीबाग थाना ले जाया गया. अधिकारियों ने बताया कि छह अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं को शहर के प्रसिद्ध होटल के निकट से सुबह 11 बजे निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

आडवाणी ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उन्होंने इस मुद्दे को समूचे देश के सामने ला दिया है. मेरा मानना है कि हमारी युवा मोर्चा और संसद के दोनों सदनों के हमारे नेता (स्वराज और जेटली) वहां गए थे और काफी साहस के साथ उन्होंने जो किया उसने समूचे कश्मीर के एकीकरण के मुद्दे को सामने ला दिया है.’

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आडवाणी ने मुखर्जी द्वारा समूचे कश्मीर का शेष भारत के साथ एकीकरण करने के लिए शुरू किए गए आंदोलन और राजग के शासन काल में ध्वज संहिता में किए गए संशोधन को याद किया. ध्वज संहिता में संशोधन के जरिए सभी भारतीय नागरिक को सभी दिन तिरंगा फहराने का अधिकार दिया गया था. {mospagebreak}

गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में आडवाणी ने कहा, ‘यह इसका नतीजा है कि हमने यह आंदोलन शुरू किया है ताकि हम कह सकें कि हमने लाल चौक पर तिरंगा फहराया है.’ 1950 के दशक की शुरूआत में मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने के लिए परमिट व्यवस्था, राज्य का अलग ध्वज तथा संविधान होने के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था. जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई थी.

आडवाणी ने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि गणतंत्र दिवस वह दिन है जिसपर भारतीयों को भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए. भारत के विचार और इसके धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र होने पर गर्व महसूस करना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में जो कुछ भी हुआ उसने मुखर्जी के योगदान और कश्मीर को भारत के साथ पूरी तरह जोड़ने के लिए उनके द्वारा शुरू किए गए कश्मीर आंदोलन की याद दिला दी. हमें इस दिशा में काम करते रहना चाहिए. यह मुझे इस बात की भी याद दिलाता है कि राजग सरकार ने ध्वज संहिता में संशोधन किया था ताकि 26 जनवरी 2002 के बाद से प्रत्येक नागरिक को तिरंगा फहराने का अधिकार दिया जा सके.’ {mospagebreak}

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श्रीनगर में जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक समेत कम से कम 16 अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया क्योंकि उन्होंने लाल चौक की ओर बढ़ने का प्रयास किया. जेकेएलएफ प्रवक्ता ने कहा कि बिलाल गनी लोन समेत मलिक और अन्य नेताओं और हुर्रियत नेता शहीदुल इस्लाम को दोपहर के करीब गिरफ्तार कर लिया. भाजपा की विवादास्पद एकता यात्रा जैसे ही जम्मू पहुंची उसे रोक दिया गया. यात्रा को एक किलोमीटर लंबा पुल पार करने के बाद रोक दिया गया था. यह पुल पंजाब में माधोपुर को जम्मू-कश्मीर में लाखनपुर से जोड़ता है.

गिरफ्तार किए जाने से पहले स्वराज और जेटली एक रथ पर सवार होकर पार्टी समर्थकों का नेतृत्व कर रहे थे. उनमें से अनेक के हाथ में राष्ट्रीय ध्वज था. हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें एक होटल में ले जाया गया था. भाजपा के तीनों नेताओं ने जम्मू में प्रवेश करने के बाद श्रीनगर रवाना होने की योजना बनाई थी ताकि लाल चौक पर तिरंगा फहराया जा सके. {mospagebreak}

राज्य सरकार और केंद्र दोनों ने स्पष्ट किया है कि इसकी इस आधार पर अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि यह कश्मीर घाटी में हालात बिगाड़ सकता है. अधिकारियों ने अलगाववादियों की उस धमकी पर भी गौर किया जिसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि वे भी लाल चौक तक अपना मार्च निकालेंगे.

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जम्मू से 70 किलोमीटर दूर कठुआ में संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा की युवा शाखा के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा कि जम्मू या श्रीनगर में गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए पार्टी नेताओं को दिया गया निमंत्रण सिर्फ जुबानी जमा खर्च था. इस बीच, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने दिल्ली में गडकरी के अनुरोध के बाद बुधवार सुबह दिल्ली में अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी.

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