भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से शिकायत की कि मायावती सरकार के तहत उत्तरप्रदेश में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, भय और अराजकता व्याप्त है और उन्हें हस्तक्षेप करके इसकी जांच करानी चाहिए.
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ राष्ट्रपति भवन में सर्वोच्च संवैधानिक पद आसीन प्रतिभा पाटिल से मुलाकात के बाद गडकरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘उत्तरप्रदेश के हालात दिनों दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं. हमने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह हस्तक्षेप करें और राज्य में बड़े पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार तथा अराजकता की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराएं. प्रदेश में संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह ध्वस्त हो गई है.’ गडकरी ने आरोप लगाया कि मायावती के अब तक के चार साल के शासन में कथित तौर पर 100 घोटाले हो चुके हैं और इन घोटालों में कुल 2,54,000 करोड़ रुपयों का घपला हुआ है.
उन्होंने कहा, मायावती शासन के तहत देश के इस सबसे बड़े राज्य में चारों ओर ‘भय, भूख और भ्रष्टाचार’ का बोलबाला है.
उनके अनुसार उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बहुत खराब है. दलित, महिलाएं और कमजोर वर्ग के लोग दहशत में जी रहे हैं. दलित महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं.
गडकरी के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र और विनय कटियार शामिल हैं. राष्ट्रपति को सौंपे ज्ञापन में भाजपा ने आरोप लगाया कि उत्तरप्रदेश के लोकायुक्त की ओर से कटु आलोचना किए जाने और उच्चतम न्यायालय की सख्त टिप्पणियों के बावजूद मायावती शासन हालात को बेहतर बनाने पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
इसमें कहा गया कि बसपा सरकार सत्ता का दुरूपयोग करके सार्वजनिक कार्यो के नाम पर किसानों से बहुत सस्ते में जमीन अधिग्रहित करके उसे बड़े बिल्डरों को सौंप रही है.
इस अवसर पर गडकरी ने राष्ट्रपति को भाजपा की ओर उत्तर प्रदेश के हालात पर बनाए गए वृत्तचित्र ‘मायाजाल’ की सीडी भी पेश की.