लगता है बीजेपी कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने को लेकर उठे विवाद से सबक नहीं सिखना चाहती. अब पार्टी ने ‘नोट के बदले वोट’ मामले में फंसे छत्रपाल सिंह को टिकट विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दे दिया है और फिर से विवादों के घेरे में आ गई है.
नोट के बदले वोट कांड में छत्रपाल को एक ‘स्टिंग आपरेशन’ में रंगे हाथ पकड़ा गया था. वह उस समय राज्यसभा के सांसद थे. उन्हें पश्चिम उत्तर प्रदेश के अनूपशहर से भाजपा ने टिकट दिया है. संसदीय समिति ने छत्रपाल को नोट के बदले वोट मामले में दोषी पाया था और उन्हें राज्यसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी.
खबर है कि छत्रपाल ने स्टिंग आपरेशन करने वाले से राज्यसभा में सवाल पूछने के बदले 15 हजार रुपये मांगे थे .
वह एकमात्र ऐसे उम्मीदवार नहीं है, जो भाजपा की परेशानी का सबब बने हैं बल्कि फर्रूखाबाद से तीन बार सांसद रह चुके साक्षी महाराज को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है. वह यौन उत्पीड़न और बलात्कार के दो मामलों में तिहाड़ और एटा जेल की सैर कर चुके हैं. महाराज को पार्टी ने भोंगांव से टिकट दिया है.
ये विवाद ऐसे समय खडे हुए हैं जब पार्टी के ही कुछ नेताओं ने कुशवाहा को पार्टी में शामिल किये जाने को लेकर नाराजगी का इजहार किया है. कुशवाहा के खिलाफ एनआरएचएम घोटाले के सिलसिले में सीबीआई जांच चल रही है.
कहा जाता है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और मुरली मनोहर जोशी ने कुशवाहा को पार्टी में शामिल किये जाने को लेकर नाराजगी जताई है. योगी आदित्यनाथ और कीर्ति आजाद जैसे सांसदों तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य ने भी इस फैसले पर असहमति दिखायी है.
गोरखपुर से भाजपा सांसद आदित्यनाथ ने कहा, ‘जो लोग मायावती सरकार में भ्रष्ट थे, वे भाजपा में आने के बाद ईमानदार नहीं हो सकते. भ्रष्ट तो भ्रष्ट ही होता है, चाहे जहां कहीं भी रहे. उन्होंने कहा कि यदि कुशवाहा जैसे लोगों को पार्टी में शामिल किया गया तो जनता निश्चित रूप से चुनावों में भाजपा को सबक सिखाएगी.
संघ ने कहा है कि पार्टी को ऐसे फैसलों से छवि और सम्मान पर पड़ने वाले असर के बारे में आदर्श रूप से सोचना चाहिए. संघ प्रवक्ता राम माधव ने कहा कि किसे टिकट देना है और किसे नहीं, यह पार्टी नेताओं का विशेषाधिकार है और वे ही इस बात के सर्वश्रेष्ठ निर्णायक हैं कि कोई फैसला विशेष चुनाव में उन्हें फायदा पहुंचाएगा या नहीं.
संघ के मुखपत्र में हालांकि कहा गया है कि उत्तर प्रदेश की जनता कैसे माफिया शासन से उब चुकी है और सुशासन चाहती है. राजग में भाजपा के सहयोगी जद यू भी इस फैसले से खुश नहीं है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह यह बात नहीं मान सकते कि कोई किसी (कुशवाहा) के खिलाफ आरोप लगाये और फिर उसे स्वीकार कर ले.