यूपीए सरकार को घेरने की कोशिश में लगी बीजेपी अब आपस में ही टकराव का शिकार होती दिख रही है. ताजा मसला कर्नाटक के रेड्डी बंधुओं का है, जिसमें पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज और अरुण जेटली का मतभेद सामने आया है.
बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने इस बात से पूरी तरह से इनकार किया है कि उन्होंने रेड्डी बंधुओं को कभी बचाने की कोशिश की थी. एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में सुषमा ने इस बात से भी इनकार किया है कि रेड्डी बंधुओं को कर्नाटक कैबिनेट में जगह दिलाने में उन्होंने कोई भूमिका निभाई थी.
सुषमा का कहना है कि जब रेड्डी बंधु मंत्री बने थे उस वक्त अरुण जेटली कर्नाटक के बीजेपी प्रभारी थे. जबकि वेंकैया नायडू और अनंत कुमार राज्य में वरिष्ठ नेता थे. सुषमा ने इंटरव्यू में कहा है कि इन लोगों के बीच आपस में क्या बात हुई, इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है.
आपको बता दें कि बेल्लारी बंधु के तौर पर मशहूर जर्नादन, करुणाकर और सोमशेखर रेड्डी सुषमा स्वराज के करीबी माने जाते हैं. पहली बार सुषमा स्वराज और रेड्डी बंधुओं की नजदीकी 1999 में सामने आई थी, जब बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था.