हाल में हुई 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को 'जानबूझकर की गई धूर्तता' बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा कि इससे मात्र एक तिहाई राशि ही हासिल की जा सकी. पार्टी ने नीलामी की जांच की मांग की.
वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने यहां कहा, ‘निश्चित रूप से संभावना है कि यह नीलामी जानबूझकर धूर्ततापूर्वक की गई. सरकार इस नीलामी के जरिए सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) को गलत साबित करना चाहती है. समूची नीलामी की सावधानीपूर्वक जांच कराई जानी चाहिए.’'
हाल ही में सम्पन्न दो दिन की नीलामी में बोली की कुल राशि 9,407.64 करोड़ रुपये प्राप्त की गई जो मात्र एक तिहाई है, जबकि सरकार की अपेक्षा न्यूनतम 28,000 करोड़ रुपये हासिल करने की थी. वर्ष 2010 में 3जी स्पेक्ट्रम की बोली प्रक्रिया 35 दिन चली थी जिससे 67,719 करोड़ रुपये प्राप्त की गई थी. 2जी स्पेक्ट्रम की बोली प्रक्रिया इससे बिल्कुल भिन्न थी.
2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी निराशाजनक रहने पर कांग्रेस ने अपना बचाव करते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और सीएजी द्वारा बताई गई क्षति के आंकड़े की व्यापक जांच की मांग कर दी.
सीएजी ने 2010 में कहा था कि तत्कालीन दूर संचार मंत्री ए. राजा के फैसले पर स्पेक्ट्रम की दर वर्ष 2001 की दर पर तय की गई जिससे राजकोष को 1.76 लाख रुपये की क्षति होने का अनुमान है.
जोशी ने देश के सर्वोच्च अंकेक्षक की खुलेआम आलोचना करने के लिए सरकार पर प्रहार किया और कहा कि यदि कांग्रेस में हिम्मत है तो वह सीएजी के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाकर दिखाए.
उन्होंने कहा, ‘सरकार पूरी तरह विफल रही है. वह देश पर हुकूमत चलाने का अधिकार खो चुकी है. आना वाला समय उसके लिए बुरे दिन साबित होंगे.’