यमुना नदी में प्रदूषण पर लगाम लगा पाने में दिल्ली की मुख्यमत्री शीला दीक्षित की नाकामी को आड़े हाथ लेते हुए भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने मांग की कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) यमुना सफाई परियोजना के दस्तावेजों का लेखा-परीक्षण करे और इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए.
दिल्ली विधान सभा में विपक्ष के नेता मल्होत्रा ने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि करोड़ों रुपये भेजे जाने और अदालतों की ओर से नाराजगी जाहिर किए जाने के बावजूद नदी की हालत बदतर ही हुई है जिससे एक करोड़ 80 लाख लोगों से ज्यादा की जिंदगी जोखिम में है.
मल्होत्रा ने एक बयान में कहा कि कई मौकों पर दिल्ली सरकार ने यमुना नदी की सफाई की बाबत बड़ी-बड़ी घोषणाएं की. करोड़ों रुपये खर्च कर इसने विदेशों में अपने प्रतिनिधिमंडल भी भेजे और कई नयी परियोजनाएं तैयार की लेकिन नदी प्रदूषित ही रही.