बीजेपी ने विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट पर संतोष जताया है. एसआईटी ने कथित रूप से कहा गया है कि गुजरात दंगों को लेकर वहां के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक कोई सुबूत नहीं मिले हैं. बीजेपी ने कहा, इससे साबित हो गया है कि गढ़े गए सुबूत सच नहीं होते.
बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने यहां कहा, ‘मीडिया की खबरों के अनुसार एसआईटी ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत को पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गुजरात दंगों को लेकर वहां के मुख्यमंत्री के विरुद्ध कोई सुबूत नहीं मिले हैं.
उन्होंने कहा कि दंगों में गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी ज़किया जाफरी की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया था. लेकिन मीडिया खबरों के अनुसार एसआईटी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ दंगों के संबंध में मुकद्दमा चलाने लायक कोई सुबूत नहीं पाया है.
प्रसाद ने कहा, ‘अगर मीडिया की ये रिपोर्ट सही है तो हमें बहुत संतोष है. मोदी को फंसाने के लिए पिछले दस साल से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और कुछ संगठनों द्वारा कुप्रचार चलाया जा रहा था. लेकिन अब साबित हो गया है कि गढ़े गए सुबूत सच नहीं होते.’ दंगों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन दंगों को नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कुप्रचार का हथियार बनाना सर्वथा अनुचित है.
इस सवाल पर कि एसआईटी की रिपोर्ट के बाद क्या मोदी बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के प्रबल उम्मीदवारों में शामिल हो गए हैं, उन्होंने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि मोदी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और प्रदेश तथा राष्ट्रीय दोनों स्तर पर उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.
उधर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने मोदी को मिली इस कथित क्लीन चिट पर राहत जताते हुए कहा कि कम से कम अब गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ बरसों से चलाया जा रहा कुप्रचार समाप्त हो जाना चाहिए. सुषमा ने ट्वीटर पर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी का कहना है कि नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कोई सुबूत नहीं हैं. हमारे लिए यह बड़ी राहत की बात है. दस साल से चले आ रहे निंदा प्रचार को अब तो समाप्त हो जाना चाहिए.’