अरब क्षेत्र में राजनीतिक उथल पुथल से एक बार फिर कच्चे तेल में आया उफान मुनाफा वसूली के चलते कुछ शांत हुआ. वावजूद इसके भाव अब भी 100 डालर प्रति बैरल के उपर बने हुए हैं.
मिस्र में राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के खिलाफ सड़कों पर जन सैलाब उमड़ने का सिलसिला उग्र होने से एशिया में कच्चे तेल के भाव 100 डारल प्रति बैरल से उपर चले गए है. आशंका है कि मिस्र की घटनाओं से स्वेज नहर से जहाजों का आवागम प्रभावित हो सकता है.
मिश्र तेल का कोई बड़ा उत्पादक नहीं है पर स्वेज नहर उसके क्षेत्र से गुजरती है और इस समुद्री नहर से प्रति दिन 24 लाख बैरल कच्चे तेल का आवागमन होता है. यह मात्रा इरकाक और ब्राजील के सम्मिलित उत्पादन के बराबर है.
एशियायी बाजार में न्यूयार्क का मार्च डिलीवरी वाला लाइट स्वीट कच्चा तेल 22 सेंट बढ़कर 91. 97 डालर प्रति बैरल हो गया.
लंदन का मार्च डिलीवरी ब्रेंट नार्थ सी क्रुड अनुबंध अक्तूबर 2008 के बाद पहली बार 100 डालर से उपर चला गया है.एशियायी बाजार में इस अनुबंध का भाव 101. 73 डालर प्रति बैरल तक चढने के बाद आज 57 सेंट गिरकर 100. 60 डालर प्रति बैरल चल रहा था.
फिलिप फ्यूचर में निवेश विश्लेषक यी लिंग ने कहा कि मुनाफावसूली से तेल के दामों में गिरावट आयी है.