भारत, चीन और ब्रिक्स के अन्य देशों ने कहा कि वे तेल समृद्ध देश ईरान से अपना व्यापारिक संबंध नहीं तोड़ेंगे जो अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिकी प्रतिबंध झेल रहा है.
यहां ब्रिक्स सम्मेलन से एक दिन पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के व्यापार मंत्रियों की बैठक में यह मुद्दा उठा.
ब्रिक्स के अन्य व्यापार मंत्रियों के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में वाणिज्य एवं व्यापार मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, ‘हां, इस विषय पर चर्चा हुई. सभी ब्रिक्स सदस्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं. हम संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का समर्थन करते हैं लेकिन इसी के साथ ही प्रस्ताव, देशों को आवश्यक वस्तुओं के व्यापार और मानवीय भलाई के लिए क्या आवश्यक है, उसे करने से नहीं रोकता है.’
चीन के वाणिज्य मंत्री चेन डेमिंग ने कहा कि उनका देश किसी खास देश के घरेलू कानून या नियमों को मानने के लिए बाध्य नहीं है.
शर्मा ने कहा कि ईरान उर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, तेल के तेजी से बढ़ते दाम ने भारत पर वित्तीय बोझ बढ़ा दिया है.
उन्होंने कहा, ‘अतएव हम चीजों को व्यावहारिक रूप में देखते हैं और संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के दायरे में बने रहना चाहते हैं.’ डेमिंग ने कहा कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम ने ब्रिक्स और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर डाला है.
अमेरिका और प्रमुख यूरोपीय राष्ट्रों ने ईरान की अर्थव्यवस्था पर उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर प्रतिबंध लगा दिए हैं.