कर्नाटक में राज्यपाल एच आर भारद्वाज और मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बीच तनाव शुक्रवार को उस समय फिर बढ़ गया जब राज्यपाल ने भाजपा नेताओं के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी नहीं देने के प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा पारित प्रस्ताव को अनुचित कहकर खारिज कर दिया, दूसरी ओर नाराज मुख्यमंत्री ने उनके विवादास्पद टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगने की मांग की.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेताओं और सांसदों का शिष्टमंडल 24 जनवरी को नई दिल्ली में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मिलकर राज्यपाल के आचरण के बारे में बतायेगा और उन्हें वापस बुलाने की मांग करेगा. गौरतलब है कि कैबिनेट की ओर से पारित प्रसताव में राज्यपाल से भ्रष्टाचार के मामलों में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा पर अभियोजन की प्रक्रिया को छोड़ने के लिए कहा गया था.
येदियुरप्पा को सख्त लहजे में लिखे एक पत्र में राज्यपाल ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को ढक नहीं सकते. इस मामले में नाराज मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की विवादास्पद टिप्पणियों और राज्य सरकार की छवि धूमिल करने एवं राज्य के लोगों का अपमान करने के लिए उनसे बिना शर्त माफी मांगने की मांग की. वहीं, प्रदेश भाजपा की कोर कमिटि की बैठक में राज्यपाल के खिलाफ सभी जिलो और तालुका स्थित मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय किया गया. {mospagebreak}
भाजपा विधायकों एवं मंत्रियों ने 25 जनवरी को ‘राजभवन चलो’ कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय किया है. गत 19 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में पारित प्रस्ताव का जिक्र करते हुए भारद्वाज ने कहा, ‘कैबिनेट के फैसले का सार संक्षेप सामान्य तौर पर आपके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को ढकने के लिए मुझे संकेत देता है.’
भारद्वाज ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए अपने पत्र में लिखा है, ‘उपलब्ध सामग्री के आधार पर राज्यपाल को स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार है और इसलिए याचिका पर विचार करना छोड़ देने की कैबिनेट के फैसले में की गयी सिफारिश अपने आप में अनुचित है.’ भारद्वाज ने कहा, ‘आपको पता है कि भूमि घोटालों, भ्रष्टाचार और सरकारी जमीनों के अधिग्रहण और गैर अधिसूचित करने से संबंधित नियमों में हेरफेर से संबंधित आरोप सितंबर 2010 से नियमित मीडिया में दिखाई दिये.’
उन्होंने कहा कि अनेक संगठनों ने मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ गंभीर प्रकृति के भ्रष्टाचार के आरोप लगाये, जिन्होंने सीधे तौर पर उनसे मुलाकात की. ये उनकी (येदियुरप्पा की) निजी निष्ठा पर सवाल खड़ा करते हैं. राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ आरोपों पर तथ्यात्मक जानकारी देने की मांग वाले 15 दिसंबर के पत्र में कोई ब्यौरा नहीं दिया.
गौरतलब है कि कथित भूमि घोटाला मामले में राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल से मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और गृहमंत्री आर अशोक के खिलाफ अभियोजन चलाने मांग को निरस्त करने को कहा है. राज्यपाल ने इस पर ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ जैसी टिप्पणी की जिससे नाराज येदियुरप्पा ने उनसे बिना शर्त मांफी मांगने को कहा. येदियुरप्पा का कहना है कि भारद्वाज ने उनके मंत्रिमंडल पर ऐसी टिप्पणी कर राज्य के लोगों का अपमान किया है.