भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के विभाजन को मसले पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार को केंद्र के साथ अपनी चिट्ठी की राजनीति बंद कर देनी चाहिए.
भाजपा के प्रदेश इकाई के प्रवक्ता राजेंद्र तिवारी ने कहा कि इस सम्बंध में राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव अनूप मिश्र द्वारा केंद्र सरकार को भेजा गया जवाबी पत्र महज औपचारिकता है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रभावी मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दिकी के खिलाफ गम्भीर आरोप लगे हैं. लोकायुक्त उन आरोपों की जांच कर रहा है. बसपा सरकार सिद्दिकी को मंत्रिमंडल से हटाने के बजाय उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है.
तिवारी ने कहा कि बसपा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री मायावती की राज्य के बंटवारे की मंशा में शुरू से ही खोट है. उन्होंने अपनी सरकार के भ्रष्टाचार और अपराध को छिपाने और जनता का ध्यान बांटने के लिए सूबे के बंटवारे का शिगूफा छोड़ा है.
तिवारी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं और इनकी नीयत में खोट है. जनता को दिखाने के लिए ये एक-दूसरे को पत्र लिख रहे हैं. केंद्र सरकार एक ओर जहां आय से अधिक सम्पत्ति मामले में मायावती को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच से बचा रही है, वहीं इसके बदले मायावती केंद्र को अपना समर्थन दे रही हैं.