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गिरफ्तार हुए रामदेव, मिला चौतरफा समर्थन

योगगुरु रामदेव को उनके समर्थकों के साथ उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ अभियान तेज करते हुए भ्रष्टाचार समाप्त करने तथा कालाधन वापस लाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करते हुए संसद की ओर मार्च करने का प्रयास किया.

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बाबा रामदेव
बाबा रामदेव

योगगुरु रामदेव को उनके समर्थकों के साथ उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ अभियान तेज करते हुए भ्रष्टाचार समाप्त करने तथा कालाधन वापस लाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करते हुए संसद की ओर मार्च करने का प्रयास किया.

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रामदेव को संसद से तीन किलोमीटर दूर रणजीत सिंह फ्लाईओवर के पास उस समय दिल्ली पुलिस कानून के प्रावधानों के तहत एहतियातन हिरासत में ले लिया गया जब उन्होंने अपने हजारों समर्थकों को संसद की ओर मार्च करने का आदेश दिया.

सरकार की ओर से उनके प्रदर्शन को नजरंदाज किये जाने और उनसे बातचीत के लिए इनकार किये जाने के मद्देनजर रामदेव गत शनिवार से ही अपनी भविष्य की रणनीति घोषित करने की चेतावनी दे रहे थे.

पुलिस ने रामदेव और उनके समर्थकों को मध्य दिल्ली स्थित रामलीला मैदान से ले जाने के लिए कई बसें लगायी थीं. रामदेव गत गुरुवार से ही रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे हुए थे.

रामदेव ने अपने समर्थकों से गिरफ्तारी नहीं देने की अपील करते हुए कहा, ‘दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के हाथ में कठपुतली है. हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे शांतिभंग हो. हम शांतिपूर्ण तरीके से संसद की ओर मार्च करना चाहते थे ताकि हमारी आवाज सुनी जाए लेकिन वे हमें हिरासत में ले रहे हैं.’

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उन्होंने पुलिस द्वारा उन्हें उनके वाहन से एक बस में ले जाने से पहले कहा, ‘हमारा इरादा शांति भंग करना नहीं है. हम पुलिस के साथ सहयोग करेंगे तथा कानून का पालन करेंगे. हम कानून का पूरा सम्मान करते हैं.’

रामदेव के समर्थकों ने पूरे फ्लाईओवर को बंद कर दिया था इसलिए उन्होंने अपनी बस की खिड़की से बाहर झांककर उनसे वाहन को आगे बढ़ने के लिए रास्ता देने की मांग की.

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि योगगुरु और उनके समर्थकों को राजधानी दिल्ली के बाहरी इलाके स्थित बवाना ले जाया जा रहा है.

रामदेव संसद की ओर अपना मार्च शुरू करने के लिए दोपहर करीब एक बजकर 15 मिनट पर हाथ में तिरंगा झंडा लिये हुए रामलीला मैदान के बाहर एक खुले वाहन में सवार हुए. जल्द ही उनके हजारों समर्थक भी उनके साथ हो लिये.

उन्होंने अपना मार्च शुरू करने से पहले अपने समर्थकों से कहा, ‘चलिये संसद की ओर अपना मार्च शुरू करते हैं. हमारा मार्च संसद का घेराव करने के लिए नहीं है बल्कि आंदोलन करने के लिए है. हमारे किसी भी कार्यकर्ता की ओर से हिंसा नहीं होनी चाहिए.’

दस मिनट मार्च करने के बाद दिल्ली पुलिस ने मार्च को फ्लाईओवर के पास यह कहते हुए रोक दिया कि उन्हें मार्च करने की अनुमति नहीं है. रामदेव ने सुबह घोषणा की थी कि वह और उनके समर्थक संसद की ओर मार्च करेंगे और संसद परिसर के बाहर प्रदर्शन करेंगे.

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रामदेव ने सुबह अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘सरकार पूरी तरह बहरी हो गई है. हमें उन्हें अपनी बात सुनने के लिए मजबूर करना होगा. अब हमारा प्रदर्शन संसद के बाहर होगा. हम घेराव की बात नहीं कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनाव वर्ष 2014 में होना है तथा 99 प्रतिशत संभावना है कि यह 2013 में हो. यह प्रदर्शन यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कोई भी बेईमान व्यक्ति संसद में प्रवेश नहीं कर पाये. ऐसे लोगों का बहिष्कार होना चाहिए. हमारा कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है.’

इससे पहले गडकरी और यादव ने कांग्रेस पर हमला किया और रामदेव का समर्थन किया जिन्होंने संप्रग सरकार पर भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए लोगों से उसे उखाड़ फेंकने का आह्वान किया.

गडकरी ने कालेधन के खिलाफ योगगुरु के आंदोलन को अपनी पार्टी का ‘पूर्ण समर्थन’ का वादा करते हुए भ्रष्टाचार और कालेधन जैसे मुद्दों पर कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर तीखा हमला किया.

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