योग गुरु रामदेव के अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के सातवें दिन उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. देहरादून में उनका इलाज कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि उनकी स्थिति ‘चिंताजनक’ बनी हुई है.
पतंजलि योगपीठ के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि रामदेव को अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ने लिया जिन्होंने इस संबंध में हरिद्वार के जिलाधिकारी को निर्देश दिये.
देहरादून के एसएसपी जी. एस. मार्तोलिया ने कहा कि 46 वर्षीय योग गुरु को ‘देहरादून में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में ले जाया गया.’ आश्रम में गहमागहमी बनी रही क्योंकि रामदेव के कुछ समर्थकों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के प्रशासन की पहल का विरोध किया.
योग गुरु को जब स्ट्रेचर पर ले जाया जा रहा था तो कुछ प्रदर्शनकारियों का पुलिस से संघर्ष भी हुआ. वह भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ अनशन कर रहे हैं. बहरहाल आश्रम के अधिकारियों के सहयोग से इसका त्वरित निराकरण कर लिया गया.
रामदेव का सुबह में परीक्षण करने वाले चिकित्सकों ने कहा था कि उन्हें तुरंत अस्पताल में दाखिल कराने की आवश्यकता है. डॉ. आशा माथुर ने बताया कि रामदेव के ताजा मेडिकल बुलेटिन के अनुसार उनका रक्तचाप 104 और 70 है जबकि उनकी नाड़ी की गति 56 है जो करीब 70 से 75 के बीच होनी चाहिये.
उन्होंने कहा कि उनके मूत्र परीक्षण में भी संक्रमण पाया गया है. कुल मिलाकर रामदेव की स्थिति ठीक नहीं है और उन्हें तुरंत ग्लूकोज दिये जाने तथा अन्य चिकित्सा मुहैया कराये जाने की जरूरत है. माथुर ने कहा कि सरकार को उनके स्वास्थ्य के बारे में सूचित कर उनके समुचित इलाज की सिफारिश की गयी है.
यह पूछे जाने पर कि क्या रामदेव को ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी इसकी जानकारी नहीं है. रामदेव के स्वास्थ्य पर हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी बराबर नजर रखे हुये हैं और विशेष टीम द्वारा लगातार उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है.