दिल्ली के रामलीला मैदान में य़ोगगुरु बाबा रामदेव के आंदोलन का तीसरा दिन है. सरकार के सामने योगगुरु का अल्टीमेटम का वक्त खत्म हो चुका है और अब बाबा के सामने सवाल हैं कि वो आगे क्या करने वाले हैं?
विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने और देश से भ्रष्टाचार खत्म करने के अलावा कई दूसरे मुद्दों पर योगगुरु ने अपना आंदोलन 9 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में शुरू किया लेकिन उस वक्त रामदेव ने सिर्फ 3 दिन का एजेंडा ही साफ़ किया था. योगगुरु ने सरकार के सामने अपनी मांगों पर गौर फरमाने के लिए 3 दिन का वक्त दिया था. लेकिन अब बड़ा सवाल ये उठता कि अगर सरकार ने मांगों पर ग़ौर नहीं किया तो 12 अगस्त से बाबा क्या करेंगे.
हालांकि खबरों की माने तो रामदेव ने अपने पूरे आंदोलन की रणनीति पहले से तैयार कर ली है. सूत्रों के मुताबिक अपनी मांगें नहीं माने जाने पर वो अपना अनशन 3 दिन और आगे तक बढ़ाने का एलान कर सकते हैं और 15 अगस्त को सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू करने की घोषणा कर सकते हैं.
कहा ये भी जा रहा है कि रामदेव के रणनीतिकार लगातार सरकार के संपर्क में हैं और कयास लगाया जा रहा है कि कोई बीच का रास्ता निकाल लिया जाए. खबर ये भी है कि बाबा रामदेव अन्ना के कुछ अहम सहयोगियों को अपने साथ जोड़ लें जिससे उनके आंदोलन को और तेजी और धार मिल सके.
वैसे तो आंदोलन के दूसरे दिन भी रामलीला मैदान में समर्थकों की तादाद में कोई कमी नहीं दिखी लेकिन खुद रामदेव के भाषणों में सरकार के खिलाफ वो तेवर, वो तीखापन नहीं दिखा जो उनकी अबतक पहचान हुआ करती थी. बाबा रामदेव के सामने भी दिक्कत ये है कि उनके 3 दिन के अल्टीमेटम के बाद भी सरकार की ओर से आंदोलन पर कोई प्रतिक्रिया तो दूर उनका मजाक जरूर उड़ाया जा रहा है.
अब रामदेव के पास अपने अनशन की सार्थकता और प्रमाणिकता को साबित करने के लिए वक्त बहुत कम है लिहाजा आज का दिन उनके लिए बेहद अहम रहने वाला है. क्योंकि उनके अगले फैसले पर ही टिकी होगी उनके आंदोलन की दशा और दिशा.