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रामदेव ने कहा, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं

योगगुरू रामदेव ने गुरुवार को शांत और संयमित ‘राजनीतिक’ भाषा से अपने अनशन की शुरूआत की और कहा कि वह किसी राजनीतिक एजेंडे के लिए आंदोलन नहीं कर रहे.

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योगगुरू रामदेव
योगगुरू रामदेव

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योगगुरू रामदेव ने गुरुवार को शांत और संयमित ‘राजनीतिक’ भाषा से अपने अनशन की शुरूआत की और कहा कि वह किसी राजनीतिक एजेंडे के लिए आंदोलन नहीं कर रहे.

रामदेव ने अपने भाषण के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जमकर तारीफ की, वहीं कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के लिए ‘माता’ और राहुल गांधी के लिए ‘भाई’ शब्द का प्रयोग किया. नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह मोदी के कार्यक्रम में नहीं बल्कि जैन गुरू के आश्रम में गए थे.

उल्लेखनीय है कि अन्ना हजारे और उनकी टीम ने एक साल से उपर चले अपने आंदोलन के बाद अनशन का रास्ता छोड़ते हुए हाल ही में राजनीतिक पार्टी गठित करने का रास्ता चुना था.

हजारे और रामदेव भ्रष्टाचार के मुद्दे पर साथ खड़े होने का दावा करते है लेकिन दोनों के रास्तों में भारी अंतर देखने को मिला. हजारे के मंच से जहां राजनीतिक वर्ग और खासकर सत्ता पक्ष को जमकर निशाना बनाया गया, वहीं रामदेव ने साफ तौर पर कहा कि उनका मकसद किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल को निशाना बनाना नहीं बलिक मुद्दों पर बात करना है.

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रामदेव ने कहा कि उनका लक्ष्य किसी को सत्ता से उखाड़ फेंकना नहीं, और ना ही किसी को सत्ता में बैठना है. वहीं, हजारे ने कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार को हटाने का आह्वान जनता से किया था.

शाम में दिन भर की कार्यवाहियों को समेटते हुए उन्होंने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की ओर से किए गए हमलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन पर इतने आरोप लगाए गए कि अब वह ‘गालीप्रूफ’ हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जनता ने उनपर लगे आरोपों का जवाब गोवा विधानसभा चुनावों में दिया. रामदेव ने कहा कि इस बार उनकी भाषा शांति की है लेकिन अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं सुनी तो वह क्रांति की भाषा बोलेंगे.

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