शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कहा है कि उन्होंने कभी भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से कहा था कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि नरेंद्र मोदी भगवा पार्टी के हित में गुजरात के मुख्यमंत्री बने रहें.
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हिंदी टैब्लॉयड ‘दोपहर का सामना’ में प्रकाशित साक्षात्कार में शिवसेना प्रमुख ने आडवाणी के साथ मेयर के बंगले में कुछ साल पहले हुई अपनी बैठक को याद किया. उन्होंने कहा, ‘‘कमरे में सिर्फ हम दोनों थे.
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आडवाणी ने मोदी के बारे में मेरी राय मांगी. मैंने उनसे कहा कि यह उनकी पार्टी का मामला है. इसपर आडवाणी ने जवाब दिया कि पार्टी में मोदी को लेकर ‘चल विचल’ (असहजता) है.’’
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ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने आडवाणी से पूछा कि वह क्या चाहते हैं? क्या वह मोदी को हटाना चाहते हैं? उनका जवाब पार्टी के भीतर जो कुछ भी चल रहा था कुछ उसी तरह का था और उन्हें अब भी फैसला करना है. मैंने तुरंत आडवाणी से कहा कि अगर मोदी जाते हैं, तो गुजरात (भाजपा के हाथ से) निकल जाएगा.’’ आडवाणी की रथयात्रा के बारे में पूछे गए सवाल पर ठाकरे ने कहा, ‘‘यह उसी तरह का है. पहली रथयात्रा विशाल थी. देश को भी इसकी जरूरत थी, (लेकिन) अब मैं इसपर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि वे हमारे मित्र हैं.’’
नब्बे के दशक की शुरुआत में हुई आडवाणी की रथयात्रा और मौजूदा यात्रा में बुनियादी अंतर के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ‘‘उस वक्त लोगों को जागरूक बनाने के लिए यह जरूरी थी. बाबरी मस्जिद का मुद्दा था. पहले बच्चे के जन्म के बाद खुशी अलग तरह की होती है. उसके बाद अगर चार-पांच पैदा होते हैं, तो सभी कहते हैं कि यह सामान्य घटनाक्रम है.’’
ठाकरे ने कहा कि अगर मोदी मुसलमानों के प्रति प्रेम दिखाते हैं, तो वे शिवसेना का समर्थन खो देंगे. शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘अगर वह कुछ गलत करते हैं तो हम उनका समर्थन नहीं करेंगे. मैं अपने देश और हिंदुत्व को कलंकित करने की अनुमति नहीं दूंगा.’’
ठाकरे ने यह बात मोदी की उस मांग से जुड़े सवाल के जवाब में कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि राजस्थान स्थित अजमेर शरीफ की दरगाह पर जियारत की इच्छा रखने वाले पाकिस्तानियों के लिए वीजा की प्रक्रिया में ढील दी जानी चाहिए.