शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे की अचानक सेहत बिगड़ने पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को सभी सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई है. यह बैठक शिवसेना भवन में हो रही है. बैठक का एजेंडा अभी सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि बैठक में बाला साहब ठाकरे की सेहत पर चर्चा हो सकती है.
दशहरा रैली में नहीं हुए थे शामिल
बाल ठाकरे अपनी खराब सेहत की वजह से मुंबई के मशहूर दशहरा रैली में भी शामिल नहीं हो पाए थे. उन्होंने रैली में भाग नहीं लेने के बारे में कहा था कि मैं शारीरिक तौर पर खुद को बेहतर महसूस नहीं कर रहा हूं. मैं थक गया हूं और मैं चल भी नहीं पा रहा हूं.
बाल ठाकरे ने शिवसेना पार्टी की बुनियाद वर्ष 1966 में रखी थी. दशहरा मेले में वह खुद तो नहीं गए थे लेकिन वीडियो के जरिए उन्होंने अपने बेटे उद्धव ठाकरे और पोते आदित्य को समर्थन देने की अपील की थी.
राज ठाकरे, छगन भुजबल ने की मुलाकात
इससे पहले गुरुवार को बाला साहब से मिलने के लिए उनके भतीजे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे भी मातोश्री पहुंचे थे. इसके अलावा एनसीपी नेता छगन भुजबल भी ठाकरे से उनका हालचाल पूछने उनके घर पहुंचे थे. भुजबल पहले शिवसेना के ही नेता थे, बाद में वह कांग्रेस और फिर एनसीपी में शामिल हो गए थे.
शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे दशहरे के मौके पर मुंबई में पार्टी की सालाना रैली में शामिल नहीं हुए थे. ये एक ऐसी रैली है, जो पार्टी के रूप में शिवसेना की प्रगति से जुड़ी हुई है. वर्षों से चली आ रही इन रैलियों में अपने ख़ास अंदाज़ के भाषण से बाल ठाकरे ने धीरे-धीरे अपना समर्थन का आधार पुख्ता किया था.
अब बाल ठाकरे बीमार हैं. थक गए हैं. अब उनमें वो पहले जैसी ऊर्जा नहीं. इस साल वे इस रैली में नहीं आए. उन्होंने एक रिकॉर्डेड संदेश के जरिए कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के खिलाफ अपने बेटे उद्धव और पोते आदित्य के लिए समर्थन जरूर मांगा.
पांच लोगों का गिरोह है कांग्रेस: बाल ठाकरे
बाल ठाकरे ने अपने अंदाज़ में कांग्रेस पर निशाना साधना नहीं छोड़ा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमला बोलते हुए ठाकरे ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका-रॉबर्ट वाड्रा और उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को 'पांच लोगों का गिरोह' बताया और कहा कि इसे 'तबाह' किया जाना चाहिए.
ठाकरे ने कहा कि 'पंच-कड़ी को नष्ट किया जाना चाहिए और देश से बाहर निकाल फेंकना चाहिए. उन्होंने ज्यादा विस्तार में ना जाते हुए कहा कि ये देश 'धोखेबाज़ों का देश' बन गया है.
गांधी परिवार नहीं है शिवसेना: बाल ठाकरे
बेटे उद्धव और पोते आदित्य के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से समर्थन मांगते हुए 86 वर्षीय बाल ठाकरे ने कहा है कि लोगों को शिवसेना के प्रति अपनी वफादारी बनाए रखना चाहिए. आपने मेरा ख्याल रखा, अब उद्धव और आदित्य का ख्याल रखिएगा. उन्हें आप पर थोपा नहीं गया है. शिवसेना, गांधी परिवार की तरह नहीं है.
बाल ठाकरे के इस रिकॉर्डेड संदेश को दादर स्थित शिवाजी पार्क में दिखाया गया जहां वो गुजरे सालों में दशहरे के मौके पर अपने समर्थकों को संबोधित करते रहे हैं.
बाल ठाकरे ने कहा कि इस बार उन्होंने दशहरे के मौके पर अपने समर्थकों को सीधे संबोधित इसलिये नहीं किया क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं है.
ठाकरे ने कहा कि 'मैं चल भी नहीं सकता हूं. बोलते समय मेरी सांस फूल जाती है. मेरी बिगड़ती तबीयत के बावजूद मेरा दिल आपके साथ हैं, मैंने अपना दिल किसी को नहीं दिया, वो आपके पास ही है. ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वो अपना वोट किसी 'बेचे' नहीं. उन्होंने कहा कि 'कुछ बेशर्म लोग हैं जो अपना वोट बेच देते हैं. लोगों को पैसे के लिए अपना वोट नहीं बेचना चाहिए.
ठाकरे ने अपने पुराने दोस्त और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार को भी कोसा जिन्होंने कहा था कि मुंबई बहुभाषी शहर है. उन्होंने जोर देकर कहा कि 'शिवसेना ने मराठी हितों की तिलांजलि नहीं दी है. ये हमारी बुनियाद है.