scorecardresearch
 

बालकृष्‍ण के पीए के पास करोड़ों की संपत्ति

फर्जी पासपोर्ट मामले में फंसे स्वामी रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण के पीए के पास बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है. हर महीने 10 हजार रुपए की पगार पाने वाले बालकृष्ण के पर्सनल असिस्टेंट गगन कुमार के पास 10 करोड़ रुपए की संपत्ति है.

Advertisement
X

फर्जी पासपोर्ट मामले में फंसे स्वामी रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण के पीए के पास बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है. हर महीने 10 हजार रुपए की पगार पाने वाले बालकृष्ण के पर्सनल असिस्टेंट गगन कुमार के पास 10 करोड़ रुपए की संपत्ति है.

Advertisement

आजतक LIVE TV देखने के लिए क्लिक करें

गगन के नाम करोड़ों की संपत्ति है लेकिन वो आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते. जब गगन से उनकी संपत्ति को लेकर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया. लेकिन स्वामी रामदेव ने गगन का बचाव करते कहा है कि ये सब उन्हें बदनाम करने की साजिश है.
अब बालकृष्‍ण के जन्‍मदिन को लेकर उठा विवाद  

रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण अभी आरोपों के भूत से पीछा छुड़ा ही रहे हैं कि उनके पीए पर भी उंगली उठ गई. बालकृष्ण के पीए 10 हजार की पगार पाते हैं लेकिन उनकी हैसियत करोड़पति की है. इस संपत्ति में हेराफेरी के तमाम आरोप हैं. गुरु बालकृष्ण पर फर्जी सर्टिफिकेट के आरोप लगे तो गगन पर बेहिसाब संपत्ति का. बतौर पर्सनल असिस्टेंट गगन कुमार को हर महीने 10 हजार रुपये पगार मिलती है, लेकिन इनकी कुल संपत्ति 10 करोड़ रुपये की है.
क्‍या है 'बालकृष्‍ण फर्जी डिग्री कांड' की हकीकत?  

Advertisement

पिछले दो सालों में बालकृष्ण के पीए गगन के नाम पर कालंजरी और शांतरशाह समेत कई इलाकों में करोड़ों की संपत्ति खरीदी गई. 14 मई 2010 को कालंजरी में 7,525 वर्गमीटर का प्लॉट गगन के नाम पर 1 करोड़ 37 लाख,35 हजार रुपये में खरीदा गया. जबकि इसका बाजार भाव करीब 6 हजार रुपये वर्गमीटर है.

इस हिसाब से जमीन हुई करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की. इसपर 8,24,500 रुपये स्टांप शुल्क भी अदा किया गया. इसी तरह ग्राम शांतरशाह में 15 जनवरी 2011 को 1.446 हेक्टेयर का प्लॉट 35 लाख रुपये में खरीदा गया. जबकि इसका बाजार भाव 25 से 30 लाख रुपये प्रति बीघा के हिसाब से 6 करोड़ रुपये से ज्यादा बैठता है. इस पर 2,09,200 रुपये स्टांप शुल्क दिया गया.
बालकृष्‍ण से सीबीआई की पूछताछ रहेगी जारी 

खास बात ये है कि बालकृष्ण के पीए गगन कुमार ने दोनों ही मामलों में रजिस्ट्री के दौरान अलग-अलग पता दर्ज कराए हैं. इसके अलावा ये भी महत्वपूर्ण है कि खरीदे गए प्लॉट पर जो स्टांप शुल्क दिया गया है वो उस जगह के सर्किल रेट के मुताबिक है. जबकि उस क्षेत्र का बाजार भाव इससे कहीं अधिक है. गगन ने भले ही करोड़ों की संपत्ति अपने नाम पर खरीदी हो, लेकिन वो आयकर रिटर्न नहीं दाखिल करते.

Advertisement

हालांकि आयकर विभाग के सूत्र बताते हैं, गगन ने पैन कार्ड लिया है. जब इस बारे में गगन से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. तब मोर्चा बाबा रामदेव ने संभाला.

भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने वाले बाबाओं से जुड़ी अकूत संपत्ति आंखों को चौंधिया देने वाली है. गगन कुमार उसी बालकृष्ण के पीए हैं, जो फर्जी सर्टिफिकेट का आरोप झेल रहे हैं. दस्तावेजों में हेराफेरी कर कई पासपोर्ट बनवाने के अलावा बालकृष्ण के पीछे एजेंसी इस जांच के लिए भी लगी हुई है कि उनकी भारत की नागरिकता का सच क्या है और किस तरह से उन्होंने करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाई है.

Advertisement
Advertisement