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हुर्रियत की हड़ताल से घाटी में जनजीवन प्रभावित

वर्ष 1947 में पाकिस्तान के हमले के जवाब में 27 अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर में सेना भेजे जाने के विरोध में अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल से कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ.

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उमर अब्‍दुल्‍ला
उमर अब्‍दुल्‍ला

वर्ष 1947 में पाकिस्तान के हमले के जवाब में 27 अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर में सेना भेजे जाने के विरोध में अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल से कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ.

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अधिकारियों के मुताबिक हड़ताल के कारण गुरुवार को दुकान और पेट्रोल पंप, निजी कार्यालय समेत अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैं. सड़क पर आम दिनों की तुलना में काफी कम भीड़-भाड़ है.उन्होंने बताया कि नियमित यातायात सुविधा की अनुपलब्धता के कारण सरकारी कार्यालयों में भी कम उपस्थिति दर्ज की जा रही है.

घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों से भी बंद की खबरें मिली हैं. हालांकि घाटी में श्रीनगर शहर के उपनगरीय इलाकों और दूर-दराज के गावों में दुकानें खुली हुयी हैं.

सैयद अली शाह गिलानी की अगुवाई वाले कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस ने 27 दिसंबर, 1947 को कश्मीर में सेना के आगमन के खिलाफ बंद का आह्वान किया था. हर साल अलगाववादी इस दिन हड़ताल का आह्वान करते हैं.

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