उत्तर प्रदेश में प्रतिपक्षी दलों ने मायावती सरकार पर बांदा में बलात्कार पीड़ित 17 वर्षीय दलित लड़की को कथित रूप से धमकाने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक अनिल दास को बचाने का आरोप लगाते हुए मांग की है कि उन्हें तत्काल निलम्बित करके उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाये.
प्रतिपक्षी दलों का आरोप लगाया, ‘बांदा के पुलिस अधीक्षक अनिल दास ने जेल में जाकर बलात्कार पीड़ित लड़की को अपने आरोप वापस लेने के लिए दबाव डाला और उसे डराया धमकाया था. उनके निलंबन के बिना इस मामले में न्याय पूरा नहीं होता.’
कांग्रेस प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने कहा, ‘हालांकि, कनिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जेलर को तो निलम्बित कर दिया गया है. मगर जिस अधिकारी के इशारे पर बलात्कार पीड़ित लड़की को डराया धमकाया जा रहा था और उसके विरुद्ध कहीं कोई कार्रवाई होती दिखायी नहीं पड़ रही है.’ उन्होंने कहा कि कानपुर बलात्कार कांड में भी राज्य सरकार का यही रुख रहा और वहां भी तत्कालीन पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रेम प्रकाश के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
श्रीवास्तव ने कहा कि अब उच्चतम न्यायालय ने भी बांदा बलात्कार कांड का संज्ञान ले लिया है तो उम्मीद है कि ताकतवर अधिकारी भी कार्रवाई से बच नहीं पायेंगे.{mospagebreak}
सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि मायावती सरकार छोटे अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करके ही वाहवाही लूट लेना चाहती है. मगर बड़े अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा पा रही है.
चौधरी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि मायावती सरकार वरिष्ठ अधिकारियों को सजा देने की हिम्मत इसलिए नहीं जुटा पा रही है कि वे इस सरकार के राज जानते है और यदि उनके विरुद्ध कार्रवाई हुई तो सरकार बेनकाब हो जायेगी.’ भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि यदि कनिष्ठ अधिकारी दोषी हैं तो जिलाधिकारी और जिला पुलिस अधीक्षक अपनी जिम्मेदारी से कैसे बच सकते है, क्योंकि छोटे अधिकारियों के कामकाज की निगरानी रखना उनकी जिम्मेदारी है.
पाठक ने कहा कि बांदा के जिला पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने से वहां स्थानीय जनता में आक्रोश बढ रहा है और निश्चित रुप से इस मामले में हुई कार्रवाई की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है.
उन्होंने आरोप लगाया कि जिला पुलिस अधीक्षक जेल में गये, वहां घंटो रहे और चोरी के आरोप में बंद रही दलित लड़की को सत्तारुढ दल के विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी पर लगाये आरोपों को वापस लेने के लिए डराया धमकाया.{mospagebreak}
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मामले की सही तहकीकात के लिए जरुरी है कि बांदा के पुलिस अधीक्षक को निलम्बित किया जाये. इसलिए भी कि आरोपी विधायक द्विवेदी बार बार अपने विरोधियों से बदला लेने की धमकी दे रहे है. ऐसे में उनको बचाने में लगे जिला पुलिस अधीक्षक का वहां रहना उचित नहीं है.
इस मामले में सीबीसीआईडी की जांच रिपोर्ट भी जिला पुलिस अधीक्षक दास की भूमिका के बारे में खामोश है, जिससे जांच की विश्वसनीयता पर संदेह स्वाभाविक है. इस संबंध में राज्य सरकार ने अब तक बांदा के जेलर सहित छह अधिकारियों को निलम्बित कर दिया है.