डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी, सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या सीमित किए जाने व बहु-ब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में गुरुवार को आयोजित भारत बंद से कर्नाटक में जनजीवन प्रभावित रहा. कई आईटी कम्पनियों ने गुरुवार को अवकाश की घोषणा की. सड़कों पर बसें नहीं दिखीं, ज्यादातर स्कूल-कॉलेज व बाजार बंद रहे.
बंद के चलते आईटी कम्पनियों ने अवकाश घोषित कर दिया था. शासकीय कार्यालयों, बैंकों व निजी कम्पनियों में उपस्थिति कम रही.
कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है इसलिए यहां बंद का अच्छा असर दिखा. बीजेपी बंद का आह्वान करने वाली पार्टियों में से एक है.
देश के विभिन्न हिस्सों से बैंगलोर पहुंचे सैकड़ों यात्री वहां तीन रेलवे स्टेशनों पर अटके रहे. वहां कोई बस सेवा उपलब्ध नहीं थी और ऑटोरिक्शा व टैक्सियां भी कम संख्या में थे. सिनेमाघरों में भी गुरुवार को अवकाश की घोषणा की गई थी.
मैसूर, मैंगलोर, हुबली, शिमोगा, दावांगेरे जैसे प्रमुख शैक्षिक व व्यवसायिक शहरों में सामान्य जीवन प्रभावित रहा. यहां बाजार, स्कूल, कॉलेज बंद रहे और सड़कों पर बसें नहीं चलीं.
राज्य सड़क परिवहन निगम के एक प्रवक्ता ने बताया कि बस स्टैंड्स पर यात्री मौजूद नहीं हैं इसलिए बसें नहीं चल रहीं.
उन्होंने कहा, ‘शहर के बीचोंबीच स्थित केम्पेगौड़ा सर्किल के नजदीक अंतर व अंतर-राज्यीय बस स्टैंड व मुख्य शहर में मुश्किल से ही कोई यात्री है. मध्य बैंगलोर के शांतिनगर, दक्षिण के जयानगर, उत्तर के यशवंतपुर व पश्चिम के विजयनगर के अन्य प्रमुख बस स्टैंड्स पर भी यही स्थिति है.’
बैंगलोर व कुछ अन्य शहरों में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दो-पहिया वाहन रैली निकाली.